रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में तीन प्रमुख स्थानों पर फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में इसका लाभ राजधानी वासियों को मिलेगा। लेकिन फिलहाल फ्लाईओवर निर्माण कार्य परेशानी का सबब बना हुआ है। इसके पीछे की वजह निर्माण कार्य करा रही एजेंसी द्वारा काम में लापरवाही है। दरअसल, निर्माण स्थल पर सेफ्टी टूल का इस्तेमाल न के बराबर हो रहा है। निर्माण कर रहे कर्मियों के अलावा यह आम नागरिकों के लिए भी खतरनाक हो गया है। रातू रोड में बन रहे एलिवेटेड कॉरिडोर से आये दिन दुर्घटनाएं होने लगी हैं। दो दिन पहले ही रातू रोड फूड बाजार के समीप एक बड़ा हादसा टल गया। लाइब्रेरी से स्टडी कर लौट रही श्रेया नामक लडक़ी गंभीर रूप से घायल हो गई। ब्रिज निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा भारी भरकम लोहा नीचे गिर गया और युवती के सिर पर जा लगा। इससे वह मौके पर ही बेहोश गई। आसपास के लोगों ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। श्रेया के परिजनों ने बताया कि उसके सिर पर लगभग 30 टांका लगाया गया है।
ऊपर निर्माण, नीचे चल रही पब्लिक
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर काफी खतरनाक होता जा रहा है। यहां ऊपर में काम चलता रहता है और नीचे पब्लिक का आना-जाना लगा रहता है। रातू रोड का इलाका शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में एक है। यहां पूरे दिन और रात में भी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में सेफ्टी नहीं बरती गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ब्रिज निर्माण के लिए भारी भरकम लोहे की शटरिंग बिछाई जा रही है, जिस पर ढलाई होगी। तीन फीट बाहर रॉड निकाला गया है। लेकिन इसके नीचे किसी प्रकार का नेट नहीं लगाया गया है। यदि कुछ सामान गिरता है तो वह सीधे किसी व्यक्ति के सिर पर ही गिरेगा। कुछ जगह नेट लगा है, कुछ जगह नहीं। जो नेट लगा है वह भी फटा हुआ है। वहीं इस संबंध में जब निर्माण कार्य करा रही कंपनी केसीसी के इंजीनियर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कंस्ट्रक्शन हो रहा है। ज्यादातर काम रात में होता है। चोटिल लडक़ी के बारे में कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि इलाज का खर्च कंपनी उठाएगी।
नीचे से गुजरने में लगता है भय
रातू रोड से गुजरने वाले लोगों को डर लगने लगा है। लोकल लोगों ने बताया कि अब ब्रिज के नीचे से पार होने में भय लगता है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही एक कार से ब्रिज का कोई सामान टकरा गया, जिससे कार को नुकसान हुआ। पैदल चलने वाले लोगों को भी यहां पर हेलमेट पहन कर गुजरना होगा। न जाने कब ऊपर से कोई सामान गिर जाए और आप चोटिल हो जाएं। ब्रिज के नीचे स्थित दुकानदारों ने भी बताया कि पूरे दिन परेशानी बनी रहती है। काम तो बेहतर हो रहा है। लेकिन यदि सेफ्टी बरती जाएगी तो यह आम पब्लिक के लिए भी फायदेमंद होगा।
जगह-जगह गड्ढे
ब्रिज के लिए गड्ढा कर ऐसे ही छोड़ दिया गया है। इससे भी परेशानी होने लगी है। आए दिन गढ्ढे में लोगों के गिरने की शिकायत आती रहती है। बिरसा सेना के अभिषेक कुमार ने बताया कि बीते हफ्ते दो व्यक्ति गड्ढे में गिर कर घायल हो चुके हैं। इसके बाद भी गड्ढा भरा नहीं गया। शिकायत के बाद भी कंपनी ध्यान नहीं दे रही है। रात में अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। अब दिन में भी हादसे होने लगे हैं। कंपनी समेत विभाग को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि आने वाले दिनों में लोग सुरक्षित आवागमन कर सकें।
मेरी दीदी और मैं लाइब्रेरी से स्टडी कर लौट रही थीं। काली मंदिर के समीप एक बड़ा सा लोहा गिरा और दीदी के सिर में चोट लग गई। काफी ब्लीडिंग होने से दीदी बेहोश हो गई। पास के हॉस्पिटल में दिखाया गया, जिसके बाद देवकमल रेफर कर दिया गया। यहां से फिर मेडिका रेफर कर दिया गया। वहीं इलाज हो रहा है।
-अदिति कुमारी, जख्मी युवती की बहन