रांची: बर्ड फ्लू के मामले आने के बाद राजधानी रांची में भी लोग एहतियात बरतने लगे हैं। चिकेन की दुकानों पर सन्नाटा दिखने लगा है। चिकेन के दामों में भी कमी देखी जा रही है। हालांकि अभी रांची में बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन रविवार को रांची से थोड़ी दूर बुढमू में एक पक्षी के मृत पाए जाने के बाद इलाके में भय का माहौल है। बर्ड फ्लू की अभी पुष्टि नहीं हुई है, जांच के लिए सैंपल लैब भेज दिया गया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। झारखंड में भी पशुपालन विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी किया गया है। राजधानी रांची में भी चिकेन की बिक्री पर असर पड़ा है। चार दिन में चिकेन के दामों में 30 से 40 रुपए का अंतर आया है। चिकेन विक्रेताओं का कहना है रेट में अभी और गिरावट आएगी।

अलग-अलग मार्केट की कीमत

चिकेन दुकानों में बिकने वाले चिकेन की कीमत अलग-अलग है। लोकेशन के आधार पर भी चिकेन की प्राइस में अंतर दिखता है। कहीं 120 रुपए केजी तो कहीं 140 रुपए केजी चिकेन बिक रहा है। डीजे आईनेक्स्ट ने सिटी के अलग-अलग मार्केट में जाकर चिकेन की बिक्री का जायजा लिया। सभी मार्केट में चिकेन की कीमत अलग-अलग बताई गई।

होलसेल दुकान के बाहर मृत मुर्गी

होलसेल दुकानों के बाहर मृत मुर्गे पडे़ रहते हैं। रविवार को भी बडा तालाब स्थित चिकेन के होलसेल विक्रेता की दुकान के बाहर मृत मुर्गा मिला। वहीं एक दुकान ऐसी भी थी जहां दुकान के अंदर ही मुर्गा घायल कंडीशन में मिला। पूरे देश में बर्ड फ्लू को लेकर लोग चिंतित है लेकिन राजधानी रांची के मुर्गा विक्रेता इसे लेकर जरा भी सावधानी नहीं बरत रहे है। दुकानदार मरे हुए मुर्गे को पास में ही फेंक रहे हैं, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। बर्ड फ्लू मामले में पशुपालन विभाग ने भी तत्काल एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है। बावजूद न तो होलसेल लेवल और न ही रिटेलर लेवल पर इसको लेकर सतर्कता दिख रही है। वेटेनरी डॉक्टर की मानें तो बर्ड फ्लू विषाणु जनित रोग है, जो घातक एवं तेजी से फैलने वाली बीमारी है।

कोकर चौक

कोकर चौक के समीप भी चिकेन की दुकान सजती है। यहां के दुकानदार ने बताया कि बीमारी फैलने का जब से हल्ला हुआ है सेल बिल्कुल डाउन हो गया है। 130 रुपए केजी बिक रहा है।

डिस्टिलरी पुल

डिस्टिलरी पुल के पास एक लाइन से मटन, चिकेन और मछली की दुकानें सजती हैं। रोड पर ही दुकानदार चिकेन काट कर बेचते हैं। डिस्टिलरी पुल के पास 130 से 140 रुपए केजी चिकेन बिका।

थड़पखना

थड़पखना में चिकेन की दुकान लगाने वाले व्यक्ति ने बताया कि दाम में भारी गिरावट आई है। 120 रुपए केजी चिकेन बेच रहे हैं। बर्ड फ्लू बीमारी के बाद ग्राहक में भारी कमी आई है।

डेली मार्केट

मो। शहादत डेली मार्केट के समीप देशी चिकेन की दुकान सजाते हैं। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू सिरम फूल की वजह से फैलता है। मुर्गी में यह काफी कम होती है। फिर भी डर के कारण सेल पर काफी असर पड़ा है। देशी मुर्गी 350 रुपए से घट कर 300 रुपए तक आ गई है।

रातू रोड

रातू रोड में भी चिकेन की बिक्री पर असर पड़ा है। दुकानदारों ने बताया कि चार दिन पहले तो चिकेन 150 से 160 रुपए केजी तक बिका। वहीं अब 120 रुपए केजी पहुंच गया है। अभी कीमत में और कमी आएगी।

होलसेल पर भी असर

होलसेल दुकानदारों ने भी बताया कि बर्ड फ्लू के बाद बिक्री में गिरावट आई है। लेकिन अभी ज्यादा असर नहीं पड़ा है। रविवार होने के कारण चिकेन की डिमांड ठीकठाक रही। एक-दो दिन बाद और ज्यादा गिरावट आने की आशंका है।

होलसेल में मुर्गी की कीमत

बड़ा चिकेन - 102 रुपए

मीडियम चिकेन 105 रुपए

छोटा चिकेन 110 रुपए केजी

चार दिन पहले होलसेल कीमत

बड़ा चिकेन 116 रुपए

मीडियम चिकेन 125 रुपए

छोटा चिकेन 134 रुपए केजी

विभाग ने जारी किए निर्देश

बर्ड फ्लू के बढते प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग ने निर्देश जारी किया है।

- सभी जिलो में निगरानी बढ़ा दी जाए।

- आरआरटी टीम का गठन कर जांच की जाए।

- पीपीई किट, कैमिकल और जेसीबी मशीन अवेलेबल रखा जाए।

- हर दिन की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

-प्रत्येक जिले से सैंपल भेजने को भी कहा गया है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

बर्ड फ्लू वास्तव में एक संक्रामक बीमारी है। यह इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस की मदद से फैलता है जो आमतौर पर चिकेन, कबूतर और इस तरह के पक्षियों में पाया जाता है। इस वायरस के बहुत से स्ट्रेन हैं। इसमें से कुछ माइल्ड होते हैं जबकि कुछ बहुत अधिक संक्रामक होते हैं और उससे बहुत बड़े पैमाने पर पक्षियों के मरने का खतरा पैदा हो जाता है। बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा भी कहते हैं। यह बहुत संक्रामक और कोरोना की तुलना में ज्यादा घातक है। इन दिनों रांची और आस-पास इलाके से भी ऐसी खबरें आ रही हैं। लेकिन जबतक पुष्टि नहीं हो जाती कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। फिर भी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

-डॉ राम इकबाल राय, वेटनरी

क्या है बर्ड फ्लू का इलाज

बर्ड फ्लू का इलाज एंटी वायरल ड्रग टैमीफ्लू और रेलेएंजा से किया जाता है। इस वायरस को कम करने के लिए आराम करना चाहिए। हेल्दी डाइट लेनी चाहिए, जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले, इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए।

क्या बरतें सावधानियां

-मरे हुए पक्षियों से दूर रहें, अगर आपके आसपास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें

-बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं

-जहां से नॉनवेज खरीदें, वहां सफाई का ध्यान रखें।

बर्ड फ्लू के लक्षण

बुखार, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द रहना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, दस्त होना, हर वक्त उल्टी सा महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस लेने में परेशानी, निमोनिया होने लगता है, आंख में कंजंक्टिवाइटिस होना।