रांची(ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस सख्त है। अपराधियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। विशेषकर नशीले सामान का कारोबार करने वालों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा वाहन चोर व दूसरे अपराधियों की भी धरपकड़ हो रही है। लेकिन दूसरी ओर सिटी की ट्रैफिक पुलिस अपने कार्यों में लापरवाही बरतती नजर आ रही है। ट्रैफिक पुलिस को आदेश है कि सभी चौक-चौराहों पर आने-जाने वाले वाहनों की जांच करें और उनका ब्यौरा नोट करें। लेकिन कम ही चौक-चौराहे हैं जहां पुलिस जांच अभियान चला रही है। वहीं जिन चौक-चौराहों पर जांच हो रही है वह भी सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। पुलिस सिर्फ गाड़ी का नंबर लिख कर जाने की अनुमति दे रही है। न वाहन चालक का लाइसेंस चेक किया जा रहा है न ही गाड़ी के पेपर। रजिस्टर में भी नाम, पता, फोन नंबर का डिटेल नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में बाइक चोर भी हो तो गाड़ी का नंबर लिखवा कर आगे बढ़ सकता है।
कॉपी में सिर्फ गाड़ी नंबर
वाहन चेकिंग के दौरान सिर्फ गाड़ी का नंबर लिख कर आगे जाने की अनुमति दे दी जाती है। ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि वाहन का असली मालिक कौन है। कहीं वाहन चोरी का तो नहीं। इस संबंध में जांच कर रही पुलिस का कहना है कि जिस गाड़ी की चोरी हुई होगी। उसके नंबर से मालूम चल जाएगा, और नंबर लिखा होने पर पुलिस यह भी जान जाएगी, गाड़ी इस चौराहे से होकर निकली है। लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि क्या सिर्फ चौराहे पर लिए गए गाड़ी नंबर से पुलिस चोरी हुए वाहन को ढूंढ पाएगी। यदि गाड़ी नंबर के साथ-साथ मोबाइल नंबर और आधार कार्ड संख्या भी लिया जाए तो चोर और चोरी के वाहन दोनों को ढूंढना आसान हो सकेगा।
न डिक्की जांच न हो रही पूछताछ
चौराहे पर तैनात पुलिस वाहन चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। वाहन की डिक्की खुलवा कर भी जांच करने की पुलिस जहमत नहीं उठाती है। वहीं लोगों से पूछताछ करना भी पुलिस जरूरी नहीं समझती। कई बार चौक पर पुलिस को तैनात देख वाहन चालक पीछे से ही गाड़ी घूमा लेते हैं। उसे भी पकडऩे की जगह पुलिस सिर्फ खड़ी-खड़ी देखती रहती है। यदि सख्ती के साथ सिर्फ जांच ही कर दी जाए तो कई अपराधी पुलिस के चंगुल में फंस सकते हैं। कुछ दिनों पहले ही वाहन चेकिंग के दौरान गाड़ी में 11 लाख कैश ले जाते एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा। ऐसा ही हर दिन सख्ती के साथ सघन जांच अभियान चलाया जाए तो बाइक चोर से लेकर नशे के सौदागर भी पुलिस की गिरफ्त में हो सकते हैं।
पब्लिक भी नहीं कर रही सपोर्ट
सिटी के चौक-चौराहों पर पब्लिक भी पुलिस को को-आपरेट करती नजर नहीं आती। पुलिस जब हाथ देकर किसी वाहन चालक को रोकने की कोशिश करती है तो वाहन चालक और स्पीड में गाड़ी भगाने लगता है। ऐसे में पुलिस को ही पीछे हटना पड़ता है। वहीं कई बार जांच अभियान में सहयोग करने की जगह वाहन चालक पुलिस से ही उलझने लगता है। कई तरह की धमकी और गाली गलौज तक कर दी जाती है। करमटोली चौक पर तैनात पुलिस कर्मी ने बताया कि पब्लिक जांच में सहयोग नहीं करती है। उल्टे बहस करने लगती है। उनके पास गाड़ी के पेपर नहीं होते हुए भी पुलिस से ही नोकझोंक करने लगती है। लोगों में भी समझ होनी चाहिए।
घर से निकलें तो पेपर के साथ
यदि आप वाहन लेकर निकल रहे हैं तो गाड़ी के सभी पेपर साथ लेकर निकलें, ताकि आपको परेशानियों का सामना न करना पड़े। चेकिंग में भी पुलिस का सहयोग करें। लोकसभा चुनाव को लेकर कई चौक-चौराहों पर वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है। राजधानी रांची में क्रिमिनल एक्टिविटीज को कंट्रोल करने के लिए पुलिस यह अभियान चला रही है। वैसे तो सभी थाना प्रभारियों को लगातार चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस इसमें लापरवाही बरतती दिख रही है।