रांची (ब्यूरो) । तकनीकी शिक्षा में अगर नैतिक मूल्य मौजूद हों, तो इससे समाज पर साकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसीलिए इसका अनुपालन आवश्यक है। यह बातें मंगलवार को सरला बिरला विश्वविद्यालय में आयोजित एक्सपर्ट टॉक के अवसर पर मशहूर कंप्यूटर विज्ञानी और शिक्षाविद प्रोफेसर प्रो ई बालागुरुसामी ने कही। उन्होंने विद्यार्थियों को तकनीक के साथ ही सामाजिक मूल्यों को भी आत्मसात करने की सलाह दी।
जॉब में स्थायित्व के लिए
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कार्यस्थल पर तकनीकी ज्ञान के साथ ही हुनर की आवश्यकता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे नौकरी में स्थायित्व की संभावना बढ़ती है। विद्यार्थियों को गढऩे और उनमें सीखने की प्रवृत्ति के विकास के दौरान शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान पर भी उन्होंने अपना विचार प्रस्तुत किया।
नैतिकता को न दें तिलांजलि
प्रो गुरुसामी ने इंजीनियरों को राष्ट्र निर्माता करार देते हुए नैतिक मूल्यों का सम्मान करने पर बल दिया। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यदि इन्हीं मूल्यों के परिणामस्वरूप सामाजिक मूल्य सुदृढ़ होंगे, तो लोगों के जीवन की गुणवत्ता का भी विकास होगा। साथ ही इससे राष्ट्र की प्रगति भी सुनिश्चित होगी। कार्यक्रम के अवसर पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने न्यायसंगत शिक्षा की अवधारणा और इसका विद्यार्थियों के चारित्रिक आचरण पर पडऩे वाले सकारात्मक प्रभाव की बात कही। विश्वविद्यालय के माननीय प्रभारी कुलपति एस। बी। डांडीन ने शिक्षा में सदाचार के लाभ पर संक्षेप में अपनी बात रखी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ पंकज गोस्वामी और धन्यवाद भाषण डॉ विश्वरूप सामंता ने दिया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो वीके सिंह, डीन डॉ नीलिमा पाठक, डीन डॉ संदीप कुमार, डॉ सुभानी बाड़ा, हरिबाबू शुक्ला समेत विवि के अन्यान्य शिक्षकगण एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और सांसद डॉ.प्रदीप कुमार वर्मा ने इस एक्सपर्ट टॉक के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।