रांची(ब्यूरो)। लोहरदगा के पूर्व विधायक और आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर भगत संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह वह अपने घर पर मृत पाए गए। उनकी पत्नी नीरू शांति भगत की स्थिति भी गंभीर है। दोनों लोहरदगा स्थित अपने घर पर कमरे में अलाव जलाकर सो रहे थे। आशंका है कि धुएं के कारण रात को दम घुटने से उनकी मौत हो गई। हालांकि, अभी तक पुलिस या मेडिकल टीम की ओर से मौत के कारण स्पष्ट नहीं किए गए हैैं। उनकी पत्नी को रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें पति की मौत की सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को लोहरदगा जिले के कुडू थाना क्षेत्र के ङ्क्षजगी में कमल किशोर भगत का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दो दिनों से खराब थी तबीयत
कमल किशोर भगत के मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। आजसू कार्यकर्ताओं की मांग पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एसएन चौधरी, डॉ सुदामा प्रसाद, डॉ बीके पांडेय की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। कमल किशोर और उनकी पत्नी लोहरदगा के हरमू चौक स्थित किराए के मकान में रह रहे थे। उनकी चचेरी बहन ममता कुमारी और भाई अजित टाना भगत का कहना है कि दोनों की तबीयत पिछले दो-तीन दिनों से खराब थी। कमल किशोर भगत को गुरुवार को उल्टियां भी हुई थीं।
ठंड के कारण जलाया अलाव
कमल किशोर और उनकी पत्नी किसी चिकित्सक के पास इलाज के लिए भी गए थे। वहां से वापस लौटने के बाद रात में वह दोनों अपने कमरे में सोने के लिए चले गए थे। अत्याधिक ठंड होने की वजह से कमरे में अलाव भी जला कर छोड़ा गया था। शुक्रवार सुबह काफी देर तक दोनों के कमरे से बाहर नहीं निकलने पर जब कमरे में जाकर देखा तो कमरा अंदर से बंद प्रतीत हुआ। इसके बाद कमरे को धक्का मारकर खोलने पर नीरू शांति भगत की स्थिति ङ्क्षचताजनक दिखी। साथ ही कमल किशोर भगत के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी।
कार्यकर्ताओं ने संदेह जताया
घटना की सूचना मिलने के बाद सदर थाना पुलिस पुलिस निरीक्षक मंटू कुमार मौके पर पहुंचे। कमल किशोर भगत को अस्पताल ले जाने पर उनके निधन की पुष्टि चिकित्सकों ने की थी। पूर्व विधायक सुखदेव भगत सहित तमाम शुभङ्क्षचतकों की भीड़ उनके आवास में उमड़ पड़ी थी। घटना को लेकर कार्यकर्ताओं ने संदेह जताया है। इसी के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
झारखंड आंदोलन में रहे आगे
झारखंड आंदोलन में एक सक्रिय कार्यकर्ता की भूमिका निभाने वाले कमल किशोर भगत आम आदमी और कार्यकर्ताओं के बीच बबलू दा के नाम से प्रसिद्ध थे। कमल किशोर भगत ने वर्ष 2009 के लोहरदगा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। रांची के प्रसिद्ध न्यूरो फिजीशियन डॉ केके सिन्हा पर जानलेवा हमला करने के मामले में उन्हें सजा सुनाए जाने के बाद वह लंबे समय तक जेल में रहे। हालांकि जेल जाने से पहले और जेल से बाहर आने के बाद भी लगातार वह कार्यकर्ताओं से जुड़े रहे।