रांची (ब्यूरो)। कुछ सालों में ही पहाड़ों से घिरे खूबसूरत लोकेशन पर लोगों ने कब्जा कर लिया। घनी आबादी यहां बसती चली गई। लेकिन प्रशासन आंखे बंद किए रहा। नदी, तालाब और डैम किनारे हुए एनक्रोचमेंट पर कई बार सवाल उठे लेकिन बरियातू पहाड़ का मामला अबतक सामने नहीं आया है। यहां सिर्फ लोगों ने घर ही नहीं बनाए, बल्कि मस्जिद, हॉस्पिटल और दुकानें भी खुल गई हैं। यहां मस्जिद नगर नाम की पूरी कॉलोनी बस चुकी है। नेचुरल रिसोर्सेज को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए बार-बार आदेश निर्देश जारी होते हैं। लेकिन बरियातू पडाड़ को एनक्रोचमेंट फ्री करने को लेकर आज तक न कोई आदेश जारी हुआ, न पत्राचार हुआ और न ही प्रशासन की नजर ही कभी यहां पड़ी।
पहाड़ पर कंक्रीट के पक्के मकान
यहां के लोग बताते हैं कि सिर्फ सात से आठ साल में पहाड़ों पर आबादी बस गई पहले लोग पहाड़ों पर मॉर्निंग वाक करने जाते थे। लेकिन अब आबादी बस जाने के कारण लोगों का मॉर्निंंग वाक भी बंद हो गया है। इस इलाके में कोई कच्चे या अस्थायी झोपड़ी नहीं है। बल्कि कंक्रीट से निर्मित पक्के मकान हैं। एक दो बड़ी इमारते भी हैं। यहां रहने वाले एक व्यक्ति से पूछने पर उसने बताया कि पैसे देकर जगह खरीदी गई है। यहीं के लोकल लोगों ने जगह बेची है। बीते पांच साल से यहां रह रहे हैं। बिजली, पानी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि उस व्यक्ति के पास जमीन से संबंधित किसी प्रकार का कोई दस्तावेज मौजूद नहीं था।
प्रशासन की मिलीभगत संभव
शहर के बीचों बीच इतने बड़े इलाके में आसानी से अतिक्रमण हो गया और प्रशासन ने एक एक्शन तक नहीं लिया। इससे कहीं न कही प्रशासन की भी इसमें मिलीभगत होने की बू आती है। नदी, तालाब, पहाड़, पर्वत पर अतिक्रमण गैरकानूनी है। हाईकोर्ट ने भी नेचुरल रिसोर्सेज के 100 मीटर दायरे में किसी तरह के अतिक्रमण को अपराध माना है। इसके लिए लोकल थाना को जिम्मेवारी दी गई है। इस संबंध में जब बरियातू थाना से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने सीधे तौर पर जानकारी नहीं होने की बात कह दी।
बढ़ गईं क्रिमिनल एक्टिविटीज
बरियातू पहाड़ पर अतिक्रमण बढऩे को सांसद संजय सेठ ने भी स्वीकार किया है। संजय सेठ इस संबंध में पूर्व डीसी को एक पत्र लिखे थे, जिसमें अतिक्रमण की जानकारी दी गई थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अतिक्रमण बढऩे के साथ ही इस इलाके में आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। आए दिन छेड़खानी, छिनतई, मारपीट और मर्डर जैसी वारदात इस इलाके में होती रहती हैं। कुछ महीने पहले रेप जैसी घिनौनी घटना भी इलाके में हो चुकी है। जिसे देखते हुए सांसद ने टीओपी की मांग की थी। वह भी पूरा नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से पहाड़ पर लोग रहने लगे हैं यहां हमेशा असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है। लोकल लोगों की मानें तो कुछ अपराधी किस्म के लोग भी इस इलाके में गलत तरीके से अपना नाम बदलकर रह रहे हैं।
सिकुड़ता जा रहा बरियातू पहाड़
कभी शहर की पहचान रहने वाला बरियातू पहाड़ दिनों दिन सिकुड़ता जा रहा है। चारों तरफ से लोग कब्जा कर रहे हैं। यही नहीं, पहाड़ के ऊपर कठिन रास्तों के बीच भी लोग मकान बना कर रह रहे हैं। अब भी अतिक्रमण नहीं रोका गया तो आने वाले समय में यह पहाड़ ही खत्म हो जाएगा। पहाड़ काटकर लोग अपना घर बना रहे हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो पहाड़ के ऊपर ही घर बना लिये हैं। कई जगहों पर पत्थर दिखाई देते थे, जो घर से छिप गया है। सामने वाले हिस्से में पहाड़ पर बस्ती बस चुकी है। बस्ती बसने के बाद अब यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं की भी मांग करने लगे हैं।