रांची(ब्यूरो)। हार्ट ऑफ सिटी महात्मा गांधी मार्ग जिसे मेन रोड के नाम से भी जाना जाता है। इस इलाके में एन्क्रोचमेंट बहुत बड़ी समस्या है। शहीद चौक से लेकर सुजाता चौक तक हर तरफ सिर्फ अतिक्रमण ही अतिक्रमण है। कहीं फुटपाथ दुकानदारों ने तो कहीं पर स्थायी दुकानदारों ने एन्क्रोचमेंट कर रखा है। मेन रोड को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। हफ्ते में एक या दो बार इस इलाके में अभियान चलाया ही जाता है, इसके बाद भी आज तक मेन रोड को एन्क्रोचमेंट फ्री नहीं किया जा सका है। नगर निगम से लेकर, पुलिस-प्रशासन और ट्रैफिक विभाग भी मेन रोड को अतिक्रमण मुक्त कराने में विफल साबित हुए हैं। इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ता है। हर दिन लोगों को मेन रोड में जाम से जूझना पड़ता ही है। दस मिनट का सफर तय करने में भी आधे घंटे लग जाते हैं। इससे समय काफी बर्बाद होता है। जरूरी काम से जाने वाले लोगों को भी मेन रोड में जाम की वजह से लेट हो जाता है।
एसएसपी भी फेल
सिर्फ नगर निगम या ट्रैफिक विभाग की टीम ही इसमें विफल साबित नहीं हुई है। बल्कि रांची के पुलिस कप्तान यानी सीनियर एसपी चंदन सिन्हा भी मेन रोड में सुगम ट्रैफिक बहाल करने और अतिक्रमण हटवाने में विफल साबित हो चुके हैं। बीते साल ही पूरी टीम के साथ एसएसपी मेन रोड पर अतिक्रमण हटाने निकले थे। कुछ दिनों तक यहां असर दिखा, लेकिन पुलिस के सुस्त पड़ते ही एक बार फिर से सड़क पर दुकान सजनी शुरू हो गई हैं। हर दिन सुबह से लेकर देर शाम तक मेन रोड में सड़क पर दुकानें सजी रहती हैं। यहां फुटपाथ और नाली का तो कुछ पता ही नहीं चलता। नाली पर भी लोगों ने निर्माण कार्य कर लिया है। वहीं दुकान की शेड सड़क तक निकाल दी है। रही-सही कसर फुटपाथ दुकानदार पूरी कर देते हैं। जिसे जगह मिली वह अपनी दुकान लेकर बैठ जाता है। इसमें स्थायी दुकानदार उनकी मदद करते हैं। दुकान लगवाने के एवज में दुकानदार फुटपाथ विक्रेताओं से पैसे भी वसूलते हैं।
नो वेंडिंग जोन में भी दुकानें
मेन रोड को कभी आदर्श जोन बनाने की पहल शुरू की गई थी। दो साल पहले इस इलाके में सघन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। लेकिन दुकानदारों पर इसका भी कोई खास असर नहीं हुआ। न तो मेन रोड कभी आदर्श जोन बना और न ही इसे जाम फ्री बनाने में सफलता मिली। मेन रोड के कई इलाकों को नो वेंडिंग जोन घोषित किया गया है। शहीद चौक से सर्जना चौक तक नो वेंडिंग जोन है। लेकिन सिर्फ शहीद चौक से सर्जना चौक के बीच में पांच सौ से अधिक फुटपाथ दुकानें सज रही हैं। एक ओर नगर निगम नो वेंडिंग जोन घोषित करता है तो वहीं दूसरी ओर सड़क पर पार्किंग के लिए स्थान देकर दुकान लगाने की छूट भी दे देता है। सिर्फ मेन रोड के रेडियस में ही कई इलाके हैं जहां सड़क पर पार्किंग बना दी गई है। अब उस स्थान पर ठेेकेदार दुकाने लगवाते हैं, जिसका एक हिस्सा नगर निगम तक भी पहुंचता है।
क्या कहती है पब्लिक
प्रशासन आज तक मेन रोड को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाया है। इसके पिछे नगर निगम और जिला प्रशासन की विफलता है। धड़ल्ले से सड़क-नाली का अतिक्रमण हो रहा है। पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है।
- अजय
अतिक्रमण के कारण आवागमन काफी प्रभावित हुआ है। नगर निगम अतिक्रमण तो हटाता है लेकिन इसे बरकरार नहीं रख पाता है। प्रशासन के ढुल-मूल रवैये के कारण दुकानदार कहीं भी कब्जा कर लेते हैं।
- धीरज
नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाकर आगे बढ़ती है, और पीछे से दुकान सजनी भी शुरू हो जाती हैं। प्रशासन को किसी ठोस कार्रवाई की जरूरत है। कहीं मार्केट बनवा कर दुकानदारों को शिफ्ट किया जा सकता है।
- महेश
अतिक्रमण और अवैध पार्किंग शहर की बहुत बड़ी परेशानी है। आज कहीं भी पैदल चलने के लिए न तो फुटपाथ लेन है और न ही साईकल लेन। हर जगह दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। इन्हें व्यवस्थित करना सरकार की जिम्मेवारी है।
-संतोष