रांची में 623 कर्मी हड़ताल पर है।

भूख हड़ताल से चार कर्मचारियों की बिगड़ी हालत, सदर अस्पताल में भर्ती

रविवार की दोपहर से ही गुल है बिजली

RANCHI: बरियातू स्थित मिल्लत कॉलोनी में रविवार की दोपहर ट्रांसफॉर्मर जल गया। इसके साथ ही कॉलोनी में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसे ठीक करने के लिए शाम तक कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। इसके बाद परेशान मुहल्ले के लोगों ने एरिया इंजीनियर को फोन कर मामले की जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन, इंजीनियर द्वारा भी उन्हें सटीक जानकारी नहीं दी गई। इतना भी नहीं बताया गया कि कब तक ट्रांसफॉर्मर बदला जाएगा। आलम यह है कि अब मिल्लत कॉलोनी के लोगों को अंधेरे में कब तक रहना पड़ेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है। मालूम हो कि रांची सहित पूरे राज्य में बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण ब्लैक आउट की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि बिजली ठीक करने वाले सभी लोग हड़ताल पर चले गए हैं।

बिजली ऑफिस के सामने प्रदर्शन

झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकीसंघ रांची सर्किल के कर्मचारियों ने शनिवार को डोरंडा कुसई कॉलोनी स्थित बिजली ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। मांगें नहीं माने जाने तक हड़ताल पर रहने की घोषणा भी की है। अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कर्मचारियों ने हल्ला बोल प्रदर्शन किया और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की।

कौन ठीक करेगा फॉल्ट?

अगर रांची सहित राज्य में कहीं भी बिजली को लेकर कोई परेशानी होती है, तो उसे ठीक करने वाला कोई नहीं है। 15 अप्रैल से झारखंड राज्य प्रशिक्षु डिप्लोमा अभियंता संघ के 550 कर्मचारी भूख हड़ताल पर चले गएं। उसके बाद 19 अप्रैल से झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ के 3000 हजार कर्मचारी अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें सब स्टेशन, पावर ग्रिड, फीडर मैन, असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, लाइन मैन, बिजली मिस्त्री, ट्रांसमिशन में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।

सब-स्टेशन में सिर्फ दो-चार कर्मी

सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरे राज्य की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। हर सब स्टेशन पर बस दो चार सरकारी कर्मचारी ही नजर आ रहे हैं। फिल्ड में कोई स्टाफ नहीं है। बिजली विभाग के पास कोई अल्टरनेटिव व्यवस्था नहीं है। हर सर्किल को आदेश दिया गया है कि वो अपने लेबल से व्यवस्था संभाले। अगर जरूरत हो तो प्राइवेट एजेंसी के लोगों को लाकर काम कराएं। लेकिन सर्किल के अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी के लोग एक्सपर्ट नहीं होते हैं। उनके साथ अलग से लोगों को लगाया जाता है।

रांची सर्किल के 623 कर्मी हड़ताल पर (प्वाइंट टू बी नोटेड)

रांची सर्किल में सभी एरिया में काम करने वाले 625 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इतने सारे कर्मचारियों के भरोसे ही रांची की बिजली आपूर्ति व्यवस्था चल रही थी। अब सभी लोग हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें रांची सर्किल के स्टाफ शामिल हैं। रांची सर्किल में ही झारखंड राज्य प्रशिक्षु डिप्लोमा अभियंता संघ के करीब 125 कर्मचारी हैं। इसके अलावा झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकी संघ के 498 कर्मचारी भी रांची सर्किल के हड़ताल पर हैं।

अस्पताल पहुंचे चार कर्मी (बॉक्स)

पिछले पांच दिनों से झारखंड राज्य प्रशिक्षु डिप्लोमा अभियंता संघ के कर्मचारी बोर्ड मुख्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। पांच दिनों में ही चार कर्मचारियों की तबीयत खराब हो गई और उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, इतने दिन में बोर्ड की तरफ से कोई भी अधिकारी उनके पास नहीं आया ।

क्या कहते हैं अधिकारी

मिल्लत कॉलोनी में ट्रांसफॉर्मर जल गया है, उसे अब सोमवार को ही ठीक कराया जा सकता है। हमारे पार स्टाफ भी नहीं है। प्राइवेट एजेंसी के स्टाफ के सहारे काम चला रहे हैं।

अजीत कुमार, अधीक्षण अभियंता, रांची सर्किल

क्या कहता है श्रमिक संघ

बिजली बोर्ड अपनी बात से पलट रहा है, जो कर्मचारी दिन-रात काम करते हैं, उनके लिए विभाग कुछ नहीं करता हे। मार्च में ही कई आश्वासन दिए गए थे, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है। जब तक मांग नहीं मानी जाती है, अनिश्चित कालीन हड़ताल पर 3000 कर्मचारी डटे रहेंगे।

-अजय राय, अध्यक्ष, झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ