RANCHI : लोहरदगा-रांची रेलखंड में कैरो थाना क्षेत्र के नगजुआ रेलवे स्टेशन में गुरुवार की सुबह 6.04 मिनट में आरएल-1 संख्या 586551 में 25 हजार वाट का तार टूटकर गिर गया। जिससे इंजन में आग लग गई। तार टूटने के बाद इंजन बंद हो जाना चाहिए था, परंतु यह चालू रहा और पूरे इंजन में करंट दौड़ रहा थ। खतरे को भांपते हुए आरएल-1 के लोको पायलट अरुण कुमार व सहायक लोको पायलट ने इंजन से कूदकर अपनी जान बचाई। साथ ही तत्काल डिवीजन को सूचना देते हुए विद्युत आपूर्ति बंद कराया।
लोको पायलट की तत्परता से बड़ा हादसा टला
आरएल-1 जैसे ही पांच बजे रांची से चलकर छह बजे नगजुआ स्टेशन पर रूकी और और 6.03 मिनट में नगजुआ स्टेशन से खुली तो एक मिनट के भीतर ही नगजुआ स्टेश्न के समीप इंजन के उपर तार टूटकर गिर गया। लोको पायलट ने तत्काल इंजन से कूदकर डिवीजन कार्यालय को सूचना देते हुए बिजली आपूर्ति बंद कराया। साथ ही फायर सेफ्टी सिलेंडर से इंजन में ली आग को बुझाया। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
डीजल इंजन लगा किया रवाना
घटना के बाद सभी यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए थे। सूचना मिलने के एक घंटे के बाद ही रांची से डीजल इंजन में रेलवे के तकनीकी कर्मियों का दल लोहरदगा पहुंच गया। दल द्वारा तार की मरम्मत की गई। जबकि नौ बजे डीजल इंजन से बोगी को करीब 9 बजे लोहरदगा रवाना किया गया। इस दौरान आरएल-1 करीब साढ़े तीन घंटे की देरी से लोहरदगा पहुंची।
दो हजार यात्री कर रहे थे सफर
घटना को लेकर रेल यात्रियों में अफरातफरी का माहौल बन गया था। उस समय रेल में करीब दो हजार यात्री सफर कर रहे थे। हालांकि इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है। सूचना मिलने पर रांची स्टेशन से डीजल इंजन में रेलवे के तकनीकी कर्मचारियों का दल नगजुआ रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां तार की मरम्मत की गई।
पीएम के हाथों हरी झंडी मिलने से पहले ग्रहण
रांची-लोहरदगा यात्री रेलगाड़ी में पहले ही दिन इलेक्ट्रिक इंजन में आग लग गई। 25 हजार वाट का इलेक्ट्रिक वायर टूटकर इंजन में गिर गया। रांची-लोहरदगा लाइन पर इलेक्ट्रीफिकेशन और इलेक्ट्रिक इंजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हरी झंडी दिखाने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव भेजा था। उससे पहले ही इंजन में आग लग गई। इस घटना ने सुरक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया