RANCHI:क्रिकेट खेलने और क्रिकेट मैच देखने की चाहत अधिकतर युवाओं को होती है। लेकिन, रांची के ऋषि छाबड़ा क्रिकेट के एक ऐसे फैन हैं, जिन्होंने मेमोरेबिलिया के कलेक्शन को ही अपना पैशन बना लिया है। सिटी के मेन रोड निवासी ऋषि ने अब तक भारतीय क्रिकेट टीम के 89 लाइव मैच स्टेडियम में जाकर देखे हैं। इसके अलावा अनगिनत आईपीएल मैच भी देख चुके हैं। उनकी दीवानगी केवल मैच देखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे मैच और क्रिकेट से जुड़ी यादगार वस्तुओं का कलेक्शन करते हैं। इसमें खिलाडि़यों के साइन किये बैट, कैप्स, जर्सी, मैच में टॉस किए जाने वाले क्वाइन, मैच के टिकट और मैच को लेकर जारी किए जाने वाले लिट्रेचर तक संभाल कर रखा है। इस कलेक्शन में उनकी पत्नी राधिका छाबड़ा भी साथ देती हैं, जिन्होंने ऋषि के साथ कई मैच लाइव देखे हैं।
2002 से हुई शुरुआत
ऋषि बताते हैं कि उन्होंने 2002 से ही इंटरनेशनल मैच देखना शुरू किया। वेस्ट इंडीज और इंडिया के बीच जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में मैच हुआ था। उस वक्त आईपीएस रामेश्वर उरांव (मौजूदा वित्त मंत्री) ने उनके नाना रोशन लाल भाटिया को मैच का टिकट भेजा था। श्री भाटिया रांची के जाने-माने शख्स हैं। उन्होंने अपने नाती ऋषि को इस मैच को देखने के लिए भेजा था। तब ऋषि केवल 12 साल के थे। उन्होंने वहां खिलाडि़यों से मुलाकात की थी और उनके ऑटोग्राफ लिए थे। वहीं से उन्होंने मेमोरेबिलिया कलेक्शन का काम शुरू किया।
सचिन की जर्सी भी मिली
आज उनके पास क्रिकेट से जुड़ी 500 से भी ज्यादा चीजें हैं। इनमें सबसे अहम है सचिन तेंदुलकर की जर्सी, जो उनके 200वें टेस्ट मैच के लिए स्पेशल एडिशन के रूप में जारी हुई थी। मैच के लिए नाइकी कंपनी ने सचिन तेंदुलकर को सौ जर्सी दी थी, फैंस को बांटने के लिए। इसमें एक जर्सी सचिन की ओर से उन्हें भी मिली है। ऋषि कहते हैं कि इस जर्सी में तेंदुलकर का ऑटोग्राफ कराने की तमन्ना है।
म्यूजियम खोलने की चाहत
ऋषि बताते हैं कि वे अपने कलेक्शन को एक म्यूजियम के रूप में लोगों के सामने लाना चाहते हैं। इसके अलावा वे इस साल के अंत तक जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम में अपने कलेक्शन की एक प्रदर्शनी भी लगाना चाहते हैं। इस कलेक्शन में वे वर्ल्ड कप के मैच के दौरान टॉस किए गए क्वाइन से लेकर सात टीमों के सभी खिलाडि़यों के ऑटोग्राफ कर भेजे गए बैट को भी रखेंगे।
नहीं बेचेंगे एक भी सामान
ऋषि के पास पिछले 18 सालों में जो कलेक्शन तैयार हुआ है, उसकी कीमत करोड़ों में है। हालांकि, ऋषि इनमें से किसी एक सामान को भी नहीं बेचना चाहते। वे कहते हैं कि ऐसे लोग जो क्रिकेट मेमोरेबिलिया कलेक्शन में जुटे हैं, उन्हें अपने पास से ऐसी चीजें डोनेट करेंगे, जो उनके पास एक से ज्यादा होगी। वे बताते हैं कि जितनी चीजें दूसरों को देंगे, उतनी चीजें दूसरों से भी मिलने की उम्मीद है। मेमोरेबिलिया कलेक्टर्स एक-दूसरे की ऐसे ही मदद करते हैं।
1985 की यादें होती हैं ताजा
ऋषि छाबड़ा के पास टीम इंडिया समेत दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इंग्लैंड जैसे कई देशों के बड़े खिलाडि़यों की करीब 140 जर्सी हैं। इसके अलावा 1985 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई बेंसन एंड हेजेस कप के फाइनल मैच से जुड़ा एक बल्ला भी है। जिस पर उस टूर्नामेंट में शामिल सभी 7 देशों के सभी खिलाडि़यों के हस्ताक्षर हैं। उस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में रवि शास्त्री ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाई थी और मैन ऑफ द मैच के तौर पर उन्हें एक कार मिली थी। जिस पर टीम इंडिया के सभी खिलाडि़यों ने बैठकर स्टेडियम का चक्कर लगाया था।