रांची(ब्यूरो)। सिटी में लगातार बढ़ते नशे के कारोबार युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं। नशे की लत में राजधानी के युवा बर्बादी के कगार पर हैं। ऐसी लगी है लत कि युवा चोरी, स्नेचिंग जैसे अपराध करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। सिटी में चोरी और छिनतई की वारदातों में कई बार यह खुलासा हो चुका है कि नशे की लत को पूरा करने के लिए युवा क्राइम कर रहे हैं। जिस युवा शक्ति पर देश गर्व करता है, वही युवा शक्ति आज नशे के दलदल में डूबती जा रही है। खासकर किशोर व युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है। यह नशा शराब, गुटखा, सिगरेट का नहीं, बल्कि गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर व चरस का है। सबसे अधिक ब्राउन शुगर का सेवन करने वालों की संख्या है। नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। नशे में कुछ युवा आपराधिक वारदातों को भी अंजाम देने लगे हैं।
नशे की लत छुड़ाने की गुहार
दिनोंदिन नशे की जड़ मजबूत होती जा रही है। कभी चोरी छिपे बिकने वाला नशे का सामान आज खुलेआम गली-गली में बिक रहा है। सुनसान जगहों पर लोग ब्राउन शुगर व चरस पीते देखे जा रहे हैं। आलम ये है कि कई परिजन थाना पहुंच कर अपने ही पुत्र को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। दस दिन पहले रातू थाना में रामू महतो और उनकी पत्नी अपने ही बेटे को गिरफ्तार करने और उसके नशे की आदत छुड़ाने की गुहार थाना प्रभारी से लगा रहे थे। पुलिस की सहायता से रामू के बेटे की काउंसलिंग भी कराई गई।
यहां बिक रहा नशे का सामान
बता दें कि राजधानी रांची के रातू रोड, चुटिया, रिम्स के आसपास, मधुकम, रूगड़ीगढ़ा, चूना भ_ा, हरमू मैदान, हरमू श्मशान घाट, जालान रोड, रांची रेलवे स्टेशन, धुर्वा बस स्टैंड, मोरहाबादी मैदान, सर्कुलर, हिंदपीढ़ी, कर्बला चौक इलाके में सबसे ज्यादा नशीले सामान की बिक्री होती है। इन इलाकों के युवा भी ज्यादा प्रभावित हैं।
नशा के लिए कर रहे क्राइम
शहर में ब्राउन शुगर, चरस, गांजा की पुडिय़ा बनाकर बेचने वाले तस्कर गिरोह सक्रिय हैं। इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं। ब्राउन शुगर की एक पुडिय़ा 300 से 500 रुपए में बिकती है। इसे खरीदने वाले युवा खुद भी पैडलर की भूमिका में आ जाते हैं, ताकि जो पैसे कमाई हो उनसे ब्राउन शुगर खरीद सकें। जिन्हें पैडलर का काम नहीं मिलता है वे लोग चोरी, छिनतई कर अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिसमें नशे की लत में पड़े युवा अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मोबाइल, चेन छिनतई और चोरी जैसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। अब नशे के लिए नशीली दवा का भी सेवन किया जा रहा है। रांची में नशे के सौदागरों का नेटवर्क दिनोंदिन मजबूत होता जा रहा है। इस गिरोह के निशाने पर रांची का युवा वर्ग और स्टूडेंट्स हैं।
क्या कहते हैं लोग
नशे की गिरफ्त में युवा फंसते जा रहे हैं। हर दिन जो क्राइम सामने आ रहा है उसमें नशा बहुत बड़ा कारण है। इसमें सभी को मिलजुल कर काम करना होगा।
-कुणाल

चोरी, छिनतई करने वाले 90 परसेंट अपराधी नशेड़ी ही हैं। नशे की जरूरतें पूरा करने के लिए ये अपराध करते हैं। नशे की लत लगने के बाद क्राइम में एंट्री हो रही है।
- राजीव

नशीले सामान की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। युवाओं की समय-समय पर काउंसलिंग भी जरूरी है। छोटे-मोटे क्राइम करते-करते यही युवा बड़े अपराध के दलदल में भी फंस जाते हैं।
-मो वसीम

सिटी में लगातार चोरी और छिनतई हो रही है। कहीं कोई किसी का मोबाइल फोन छीन लेता है तो कोई चेन उड़ा लेता है। इसे रोकने के लिए जरूरी है नशा पर कंट्रोल किया जाए।
-विक्रम कुमार