रांची (ब्यूरो)। डेंगू से लडऩे का पहला हथियार है जांच। लोगों को काफी देर से पता चलता है कि उन्हें डेंगू हुई है। हालांकि, समय पर जांच करा ली जाए, तो इलाज भी फौरन शुरू हो सकेगा और लोग जो बीमारी की चपेट में आ चुके हैैं, वे जल्द ही स्वस्थ भी हो जाएंगे। रांची शहर में डेंगू की जांच के लिए वैसे तो कई लैब पहले से ही मौजूद हैैं, लेकिन सरकार ने इसकी जांच फ्री कर दी है। सदर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में फ्री में डेंगू की जांच की जाती है। अस्पताल में पहले डेंगू जांच कराने वाले मरीजों से प्रत्येक जांच के लिए 30 रुपए चार्ज किये जाते थे, लेकिन अब इसे मुफ्त कर दिया गया है।

कई लैब में भारी भरकम चार्ज

सरकारी अस्पतालों में एक मरीज के एनएस 1 एलाइजा टेस्ट के लिए केमिकल सहित अन्य सामग्रियों पर 170 रुपए तक लागत आ रही थी। डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज सामने आने के साथ ही अधिकतर मरीजों की जांच निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में करायी जा रही है। इसमें रिम्स के पास बरियातू रोड स्थित एनएबीएल लैब में एनएस वनए एलाइजा के लिए 1500 रुपये तक चार्ज किये जा रहे हैं। वहीं, चिकनगुनिया की स्क्रीनिंग के लिए 1200 रुपए और प्लेटलेट्स जांच के लिए सीबीसी कराने पर 550 रुपए लिये जा रहे हैं।

हिंदपीढ़ी है हॉट स्पॉट

रांची के वार्ड नंबर 23 का हिंदपीढ़ी इलाका डेंगू का हॉट स्पॉट है। पिछले साल यहां हर तीन में से एक घर में लार्वा मिलने के कारण नगर निगम ने दो टीमों को स्थायी तौर पर हिंदपीढ़ी क्षेत्र में प्रतिनियुक्त कर दिया था। बड़े पैमाने पर लार्वा मिलने के बाद नगर निगम ने स्क्रीनिंग के साथ-साथ इस क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया था। निगम की टीम घर-घर जाकर लोगों को बता रही थी कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है, इसलिए घर की छत व आंगन में कहीं पर जलजमाव न होने दे। अगर घर के अंदर गमले, डाभ के खाली छिलके, पुराने बर्तन व टायर आदि में कहीं पर पानी जमा है, तो तुरंत उसे फेंक दें।

डेंगू से मौतें भी हुई हैं

रांची जिले में डेंगू पीडि़तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में 20 मरीज भर्ती हैं, वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जलजमाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। घरों में जलजमाव की स्थिति पर लोगों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इस बदलते हुए मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया से सतर्क रहने की जरूरत है। रिम्स के मेडिसिन विभाग में मौसमी बीमारी से पीडि़त मरीजों में डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते लक्षण वाले मरीज परामर्श के लिए आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को तीन से पांच दिनों की दवा दी जा रही है। साथ ही राहत नहीं मिलने पर डेंगू और मलेरिया की जांच कराकर आने की सलाह दी जा रही है।

सतर्कता बरतने का निर्देश जारी

इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर राज्य में सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया जा रहा है। पोस्टर, पंपलेट्स और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डेंगू के सामान्य लक्षण से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। इसके अलावा बर्तन कूलर और बेकार पड़ी वस्तुओं में पानी जमा नहीं होने देने की सलाह दी गयी है। वहीं मच्छरदानी का प्रयोग करने और पूरे बदन का कपड़ा पहनने के लिए कहा जा रहा है।

इस साल कम मरीज मिले हैं

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मामलों में कमी आयी है। डेंगू के करीब एक तिहाई मामले पिछले साल से कम हैं। वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ बीके सिंह ने बताया कि इस साल अब तक डेंगू के करीब 1,292 मामले सामने आये हैं, जबकि वर्ष 2023 में 2,578 मरीज मिले थे। वहीं, राहत की बात यह है कि इस साल डेंगू से एक मरीज की मौत हुई है, जबकि वर्ष 2023 में चार डेंगू पीडि़त मरीजों की मौत हुई थी।