रांची(ब्यूरो)। सिटी के कई इलाकों में गंदे पानी की सप्लाई फिर एक बार होने लगी है। कुछ साल पहले तक यह समस्या हर दूसरे दिन किसी न किसी इलाके से सामने आ ही जाया करती थी। बीच में कुछ समय तक ठीक रहने के बाद फिर वही समस्या शुरू हो गई है। सिटी के विभिन्न इलाकों से ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं जहां गंदे पानी की सप्लाई की जा रही है। रिसालदार नगर, पत्थलकुदवा, हिंदपीढ़ी, मधुकम, रुगड़ीगढ़ा, लालपुर समेत कई इलाकों से गंदा पानी सप्लाई की कंप्लेन आ रही है। जो परिवार सिर्फ सप्लाई लाइन पर डिपेंड है उनके लिए खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोग या तो खरीद कर पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर किसी दूसरे के घर से उन्हें पानी भर कर लाना पड़ रहा है। रिसालदार नगर के फरहान ने बताया कि बीते हफ्ते भर से सप्लाई आ ही नहीं रही थी, बुधवार को पानी आया भी तो गंदा।

वाटर चार्ज वसूल रहा नगर निगम

सप्लाई पानी की क्वालिटी ऐसी है कि पीना तो दूर इस पानी का इस्तेमाल नहाने-धोने के लिए भी नहीं कर सकते हैं। पानी के बदले इसका वाटर चार्ज देना पड़ता है, निगम ने हर घर में वाटर मीटर लगा रखा है। जिसके अनुसार निगम वाटर टैक्स वसूलता है। लेकिन दूसरी ओर साफ और स्वच्छ पानी सप्लाई करने की ओर निगम ध्यान नहीं देता है। सिटी में रुक्का, हटिया व गोंदा डैम से पानी की सप्लाई होती है। तीनों डैम से शहर के लोगों के घरों में पानी की सप्लाई तो होती है, लेकिन साफ पानी मिल रहा है या गंदा, इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गोंदा और रुक्का डैम से जिन इलाकों में पानी की सप्लाई होती है, वहां के लोगों को गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। लोग शिकायत कर-करके थक गए हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि तीनों डैम के पानी को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए विभाग द्वारा हर साल खर्च किए जाते हैं।

कई इलाकों से कंप्लेन

शहर में बहुत सारे लोग इसी गंदे पानी को पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। मधुकम के रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन घरों तक कनेक्शन नहीं आया है। रोड में प्वाइंट लगा दिया गया है, जिससे मोहल्ले के लोग पानी भरते हैं। बीते कुछ दिनों से लगातार गंदा पानी आ रहा है, सप्लाई नल के जरिए गंदा पानी लोगों के घरों में भी पहुंच रहा है। मजबूरन लोग इधर-उधर से पानी के जुगाड़ में दौड़ रहे हैं। पीने के लिए लोग पानी खरीद रहे हैं। पानी सिर्फ गंदा ही नहीं, बल्कि बदबूदार भी है। ऐसा लगता है कि यह किसी फिल्टर प्लांट से नहीं, बल्कि नाले से सप्लाई हो रहा है। लालपुर इलाके में भी रहने वाले लोगों की यही पीड़ा है। लोगों का कहना है कि गंदा पानी आ रहा है। वहीं रातू रोड के अलग-अलग इलाके में भी लगातार गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।

पानी की सफाई पर करोड़ों खर्च

रांची में रुक्का, गोंदा व हटिया डैम के पानी को साफ करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा हर साल करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है। विभाग द्वारा फिल्ट्रेशन प्लांट भी सभी डैम में लगाया गया है। इसके अलावा फिटकरी और चूना पत्थर भी डालकर डैम को साफ करने के लिए हर साल टेंडर निकाला जाता है। इतनी व्यवस्थाएं होने के बावजूद शहर के लोगों को गंदा पानी मिल रहा है। राज्य बनने के 24 साल बाद भी रांची के लोगों को गंदा पानी इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर बीच-बीच में पाइप फट जाती है, जिसके कारण लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई होने लगता है। सड़क किनारे पाइप फटने की वजह से वहां जब सप्लाई होती है तो उस पाइप में आसपास की गंदगी पाइप के अंदर आ जाती है और वही पानी लोगों के घरों में सप्लाई होने लगता है। जब तक विभाग को पता चलता है कि कहां पाइपलाइन फटी है तब तक लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंचता रहता है। जब पाइपलाइन बड़े लेवल पर फटती है तो वहां तत्काल उसको ठीक कर दिया जाता है, लेकिन सप्लाई के दौरान कई जगह लिकेज से थोड़ा-थोड़ा पानी बाहर फेंकता रहता है और उसी से गंदगी पाइपलाइन के अंदर पहुंचती है। डैम से लोगों के घरों तक जो सप्लाई वाटर की पाइपलाइन जा रही है वो नाले के किनारे या अंदर से होकर गुजर रही है। नाली का पानी गंदा होने की वजह से पाइप फटने के बाद वह पानी पाइप के अंदर चला जाता है, जिसके कारण भी लोगों के घरों में गंदा और बदबूदार पानी सप्लाई होने लगता है।