रांची (ब्यूरो) । झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के जि़ला अध्यक्ष सफ़दर इमाम ने कहा कि शिक्षक दिवस पर पिछले दो से तीन वर्षों से विभागीय उदासीनता के कारण शिक्षकों के सम्मान में किसी तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा रहा है। जिन शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता कह कर संबोधित किया जाता है, वह अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के बावजूद भी अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षक सिर्फ पढ़ाने का ही काम नहीं करते हैं, बल्कि चुनाव से लेकर हर वैसे कार्य बिना शिक्षक के संभव नहीं हो पाते हैं। झारखंड के शिक्षा में लगातार सुधार हो रहा हैं और आज सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को गुणवातपूर्ण शिक्षा मिल रहा है और इन विद्यालयों से निकलकर छात्र अलग अलग क्षेत्रों में परचम लहरा रहे हैं।

पहुंचना संभव नहीं

उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यालय ऐसे दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित हैं जहां सरकार की योजना का लाभ पहुंचना संभव नहीं हैं, वहां शिक्षक प्रतिदिन पहुंच कर शिक्षा का अलख जगाने का कार्य करते हैं। राज्य के सरकारी विद्यालय के शिक्षक कम संसाधन के बावजूद कबाड़ से जुगाड़ तकनीक की सहायता से स्कूलों की दशा और दिशा बदलने में अपने इनोवेटिव सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज सरकारी विद्यालय में पढऩेवाले छात्र समाज के वैसे वंचित, पिछड़े तबके समाज से आते हैं जिन्हे अगर सही से ध्यान नहीं दिया जाए तो वे और पिछड़ते चले जायेंगे और आज टोला टैगिंग और अन्य कई स्कूल चले अभियान के तहत शिक्षक उनके घर घर जा कर विद्यालय आने के लिए प्रेरित करते हैं और वे शिक्षा प्राप्त कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ कर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। मुकेश कुमार सिंह, सचिव जेएसएसटीए जिला शाखा रांची-शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र और मेडल दे, ताकि शिक्षक अपनी पूरी लगन से छात्रों को शिक्षा देने में उत्कृष्ट भूमिका का निर्वहन कर सकें।