रांची: डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। कहीं अकाउंट से पैसे उड़ाए जा रहे हैं तो कहीं सेक्सुअल हैरासमेंट कर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। साइबर फ्रॉड से जुडे़ ऐसे ही मामलों की जानकारी जैसे इससे कैसे बचा जाए और यदि इस स्कैम में फंस जाते हैं तो इसकी शिकायत कहां करें। साइबर फ्रॉड के ऐसे ही अलग-अलग पहलुओं को लेकर रविवार को डीजे आईनेक्स्ट की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें साबइर सेल से डीएसपी सुमीत कुमार, साइबर एक्सपर्ट राजेश और आशुतोष ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। साइबर से जुडे़ सभी एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि किस तरह से लोग साइबर फ्रॉड से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इनका कहना है खुद की अवेयरनेस जरूरी है।

अनवांटेड साइट्स से दूरी

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई बातों का ख्याल रखना होता है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमें अनवांटेड साइट्स से खुद को दूर रखना चाहिए। इंटरनेट सर्फिंग के दौरान कई तरह की साइट्स के एडवरटीजमेंट आते रहते हैं। लोग उत्सुकतावश उसे क्लिक करते हैं और साइट द्वारा पूछे गए पर्सनल इन्फॉर्मेशन भी दे देते हैं। इसी का फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड आपको शिकार बनाने का प्रयास करता है। वेबिनार में शामिल साइबर एक्सपर्ट राजेश कुमार ने बताया कि कई बार साईबर फ्रॉड अलग-अलग तरीकों से पर्सनल डेटा हासिल करने की कोशिश करते हैं। हर वक्त ये लोग अपने शिकार की तलाश में रहते हैं। लोगों को हर कदम पर अलर्ट रहने की जरूरत है। वहीं इन दिनों सेक्स और पोर्न से रिलेटड भी कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमे न्यूड स्क्रीन शार्ट के जरिए ब्लैकमेल किया जाता है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है किसी भी अनजान व्यक्ति का रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें। अपनी आईडी को प्रॉपर लॉक करके रखें।

शॉपिंग में फर्जी वेबसाइट से बचें

वहीं, आशुतोष कुमार ने अहम जानकारी देते हुए बताया कि कई बार ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से भी लोगों के साथ फर्जीवाड़ा हो जाता है। कुछ साइबर फ्रॉड शॉपिंग वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम की क्लोन तैयार कर लेते हैं। लेकिन थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो क्लोन पकड़ में भी आ सकता है। कहीं न कहीं साइट के लोगों में या फिर फांट में कुछ गड़बड़ी मिल सकती है। शॉपिंग करने से पहले ओरिजिनल वेबसाइट और क्लोन वेबसाइट की पहचान कर लें, उसके बाद ही कोई सामान ऑर्डर करें। कभी-कभी ऑर्डर कुछ किया जाता है और सामान कुछ और पहुंच जाता है। ये सभी खेल फर्जी वेबसाइट से ही होता है। आशुतोष ने बताया कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है इससे जुड़ी सभी बातों की जानकारी का होना। बच्चों के सिलेबस में डिजिटल लिट्रेसी से संबंधित कोर्स होना चाहिए। कम्प्यूटर और इंटरनेट आज बेसिक जरूरत बन चुका है। ऐसे में बचपन से ही इसके गलत और सही पहलुओं की जानकारी दी जाए तो आगे चलकर बच्चे खुद के साथ-साथ अपनी फैमिली को भी स्कैम में फंसने से बचा सकेंगे।

कंप्लेन जरूर करें

किसी व्यक्ति के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो वह इसकी शिकायत कहां और कैसे करे, इसपर विस्तृत जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी सीआइडी सुमित कुमार ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब साइबर फ्रॉड को पकड़ना ज्यादा मुश्किल नहीं रह गया है। हाल के दिनों में कई अपराधी पकडे़ भी गए हैं। जामताड़ा जिसे साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता था वहां इस प्रकार की एक्टिविटीज बहुत कम हो गई है। सुमित कुमार ने बताया कि फ्रॉड किसी भी तरह का हो, शिकायत जरूर करना चाहिए। साइबर ठगी के मामलों में अलग-अलग तरह की शिकायतें दर्ज होती हैं। दो लाख रुपए से नीचे का यदि मामला हो तो इसकी शिकायत लोकल थाना में की जा सकती है। वहीं यदि मामला इससे ज्यादा का हो तो इसकी शिकायत साइबर थाना जो हर जिले में होती है वहां जाकर कर सकते हैं। ठगी का एविडेंस अवेलेबल कराना होगा। डीएसपी सुमित कुमार बताते हैं कि ठगी की शिकायत जल्द से जल्द करनी चाहिए। कंप्लेन करने में जितना समय लगाएंगे पैसा आपसे उतनी ही दूर होता चला जाएगा।