रांची(ब्यूरो)। रांची में अवैध कनेक्शन वाले लोगों का इस खेल में रांची नगर निगम के प्लंबर के अलावा प्राइवेट प्लंबर की भी बड़ी भागीदारी होती है। बता दें कि सिटी में राइजिंग पाइप यानी 14 इंच, 18 इंच, 24 इंच व्यास वाले डक्टाइल आयरन डीआई पाइप में अवैध तरीके से हजारों कनेक्शन जोड़ लिये गए हैं। राजधानी रांची नगर निगम क्षेत्र में रोज पानी चोरी हो रहा है। पानी की यह चोरी राइजिंग पाइपलाइन के साथ सप्लाई पाइपलाइन में पंक्चर कर खुलेआम होती है। इसकी वजह से शहर के कई क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन लेने वाले सैकड़ों घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंच पाता है। पानी की चोरी के कारण हजारों लोगों को पानी के लिए रोजाना परेशानी झेलनी पड़ रही है। पानी चोरी की वजह से ही शहर के बड़े और प्रमुख इलाकों में सालों भर जलसंकट की स्थिति बनी रहती है। पेयजल विभाग वाटर सप्लाई मेंटेनेंस वर्क का काम देखता है। वाटर कनेक्शन, सप्लाई और वाटर टैक्स लेने का काम नगर निगम देखता है। पानी चोरी रोकना नगर निगम के जिम्मे है।
40 हजार वैध कनेक्शन
रांची नगर निगम क्षेत्र के 55 वार्डों में 50 हजार से अधिक वाटर कनेक्शन हैं। लेकिन निगम की सूची में करीब 40 हजार वाटर कनेक्शन ही हैं। जबकि पानी की खपत दोगुनी है। यानी अधिक पानी की खपत अवैध कनेक्शन के कारण हो रही है। अगर नगर निगम अवैध कनेक्शन पर रोक लगे तो शहर में जल संकट की परेशानी दूर हो सकती है।
नहीं होती कार्रवाई
निगम प्रशासन ने अवैध वाटर कनेक्शन की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाया है। टीम को हर दस दिन पर छापेमारी करनी है, घर के अंदर जाकर सप्लाई वाटर पाइपलाइन कागजात की जांच करनी है। कागज़ात नहीं दिखाने पर वाटर कनेक्शन काटने के साथ जुर्माना और प्राथमिकी भी दर्ज करनी है, मगर ऐसा अभी नहीं हो पा रहा है। निगम अवैध कनेक्शन वालों पर कार्रवाई नहीं करता है, नतीजन लोगों का मन बढ़ता जा रहा है।
जरूरत से ज्यादा सप्लाई
रुक्का डैम से जलापूर्ति के लिए 60 लाख गैलन पानी चर्च रोड, कांटाटोली, सिरमटोली, डोरंडा एवं अशोक नगर के लिए आपूर्ति होती है। जबकि इन क्षेत्रों के लिए महज 20 लाख गैलन पानी ही पर्याप्त है। 40 लाख गैलन से ज्यादा पानी की आपूर्ति होने के बाद भी उक्त क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पाता है। डोरंडा संप हाउस में पूरा पानी नही पहुंचता है। इसी प्रकार हटिया से रोजाना 9 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है, मगर 6 एमजीडी पानी लोगों तक पहुंचता है, 3 एमजीडी पानी रात में ही चोरी हो जाता है। बता दें कि एमजीडी यानी मिलियन गैलन, एक एमजीडी में 10 लाख गैलन पानी और एक गैलन में 4.54 लीटर पानी होता है।
रात के अंधेरे में होता है अवैध कनेक्शन
शहर में अवैध कनेक्शन रात के अंधेरे में प्लंबर लगाकर किए जाते हैं। दूसरे दिन सुबह तक किसी को पता ही नहीं चलता और कनेक्शन हो जाता है। इस काम में नगर निगम और निजी प्लंबर भी शामिल रहते हैं। सबसे खास बात यह है कि रात के अंधेरे में कनेक्शन लेने में निगम के प्लंबर भी शामिल होते हैं। उनके पास आइडिया होता है, जिसके कारण लोग उनसे संपर्क करते हैं।