रांची (ब्यूरो)। अगर आपके मोबाइल पर एसएमएस या वाट्सअप के जरिए आपको वर्क फ्रॉम होम या पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया जाए, तो समझ लीजिए कि आपको कोई अपने जाल में फंसाने की कोशिश में जुटा है। पहले ओटीपी मांगकर बैैंक से पैसा निकाल लेने वाले आर्थिक आतंकवादी लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने में लगे थे, लेकिन धीरे-धीरे पब्लिक अवेयर होती चली गई और ओटीपी देना बंद कर दिया। इसके बाद आतंक का नेटकवर्क चलाने वाले बदमाशों ने नई तरकीब ढूंढ निकाली है। इस बार बेहतरीन ऑफर से लैस होकर साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों को ऐसे जाल में फंसाने का प्लान तैयार किया है, जिसमें लोग खुद फंसते चले जा रहे हैैं। अहम यह है कि पहले जहां झारखंड के जामताड़ा से नेटवर्क चलता था, वहीं अब यह नेटवर्क लखनऊ, गुडग़ांव, कोलकाता, पुणे, जमशेदपुर आदि शहरों में बिछ गया है।
ऐसे बनाते हैैं निशाना
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे होटल, मूवीज, फोटो, गेम्स रेङ्क्षटग व लाइक के नाम पर पार्ट टाइम जाब का झांसा देकर अपने जाल में फांसते हैं। उन्हें क्रिप्टोकरेंसी आदि में निवेश का झांसा देकर बैंक खातों में निवेश करवाते हैं और रुपये लेकर चंपत हो जाते हैं। ज्यादा की लालच में लोग मेहनत की कमाई गंवा रहे हैैं। लुटने के बाद पुलिस तक पहुंच तो रहे हैैं, जिसपर रांची में कुछ काम भी हुआ है।
अब तक तीन एफआईआर
झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में अब तक इस तरह की तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज हुईं हैं, जिसमें पुलिस ने बड़े अंतरराज्यीय-अंतरदेशीय गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। साइबर अपराध थाने की पुलिस ने इस गिरोह के अलग-अलग ठिकानों से न सिर्फ दस अपराधियों को गिरफ्तार किया है, बल्कि कोर्ट से अनुमति लेकर 30 लाख रुपये भी पीडि़तों को वापस करवा दिया है। पुलिस आम लोगों से बराबर अपील भी कर रही है कि वे सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात नंबर या ङ्क्षलक के चक्कर में न पड़ें और न हीं क्लिक ही करें।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ठगे 63.98 लाख
सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने लूडो एवं फिशडम को लाइक कर स्क्रीन शाट भेजने का पार्ट टाइम जाब आफर कर टेलीग्राम प्रोफाइल से एक पीडि़ता से संपर्क किया। साइबर अपराधियों ने उसे टास्क दिया, कुछ पैसे भी दिए और कमाई व कमीशन के पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर 63 लाख 98 हजार 824 रुपए की ठगी कर ली। इस मामले में साइबर अपराध थाना में सात दिसंबर 2023 को दर्ज प्राथमिकी के मामले में पुलिस ने लखनऊ से दो युवक राहुल त्रिपाठी व देव प्रकाश को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज तो जब्त किया ही पीडि़ता के ठगी के 28 लाख रुपयों को भी वापस करवाया।
जमशेदपुर से तीन पकड़ाए
कुछ दिनों पहले साइबर अपराध थाने की पुलिस ने जमशेदपुर के तीन युवक शेखर कुमार, बंटी मुशी व सुब्रोतो विश्वास को गिरफ्तार किया। उनपर एक पीडि़ता को ङ्क्षलक भेजकर टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क करने व होटल रेङ्क्षटग के नाम पर पार्ट टाइम जाब का आफर देकर चूना लगाने का आरोप है। टेलीग्राम प्रोफाइल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए पहले पीडि़त से विभिन्न बैंक खातों में पैसा डलवाया, कुछ रिटर्न भी किया। बाद में रुपये लौटाना बंद किया और इस तरह पीडि़त को 2.88 लाख रुपये का चूना लगा दिया। इस केस में भी साइबर अपराध थाने की पुलिस ने कोर्ट की अनुमति से पीडि़त के एक लाख रुपए खाते में वापस भी करवा दिया।
लगा 28.94 लाख का चूना
मूवीज रेङ्क्षटग में कमीशन व निवेश पर अच्छे बोनस का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने अरगोड़ा के एक सरकारी कर्मचारी को भी 28 लाख 94 हजार 505 रुपए का चूना लगा दिया था। 14 जनवरी 2023 को दर्ज प्राथमिकी में साइबर अपराध थाना रांची की पुलिस ने ओडिशा से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपितों में ओडिशा के बालासोर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रोसालपुर निवासी सुरेंद्र दास व बालासोर जिले के ही इंडस्ट्रीयल एरिया थाना क्षेत्र के संबलपुर बलिया का निवासी राजकिशोर नंदा शामिल थे। इसमें बिहार के पटना स्थित कंकड़बाग से संजीव कुमार नामक एक व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हुई थी। बिहार शरीफ व हजारीबाग से भी एक-एक अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। इस केस में भी साइबर अपराध थाने की पुलिस ने पीडि़त के खाते में कोर्ट के माध्यम से एक लाख रुपये वापस भी करवा दिया।