रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में ठगी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। फ्राड अलग-अलग हथकंडों से लोगों को ठगने में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोगों में भी इसे लेकर अवेयरनेस नहीं आ रहा है। बार-बार अपील करने के बाद भी लोग अजनबियों पर भरोसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका खामियाजा उन्हें आर्थिक नुकसान के रूप में भुगतना पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं में फायदा या लोन दिलाने के साथ-साथ इन दिनों नौकरी दिलवाने से लेकर ट्यूशन फीस कम कराने के नाम पर भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। हफ्ते भर में रांची के अलग-अलग थानों में ठगी से जुड़ी चार शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। पेट्रोल पंप दिलाने, नौकरी दिलाने और ट्यूशन फीस कम कराने के नाम पर रांची वासियों ने 92 लाख गंवा दिए।
ट्यूशन फीस कम कराने का बहाना
कडरू के रहने वाले गजेंद्र कुमार सिंह अपने बच्चे को बेंग्लुरु में पढ़ा रहे थे। जमशेदपुर के रहने वाले राहुल कुमार सिंह ने उनके बच्चे की ट्यूशन फीस कम कराने का ऑफर दिया। गजेंद्र कुमार यह सुनकर खुश हो गए। वे जैसा-जैसा राहुल ने कहा करते गए। अंत में मालूम चला कि वे ठग लिये गए हैं। इस संबंध में गजेंद्र ने अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा बेंग्लुरु के जिस इंस्टीट्यूट में पढ़ता है उसका एनुअल चार्ज छह लाख रुपए है। राहुल कुमार सिंह ने उनसे कहा कि वह उनके बेटे की फीस कम कराकर दो लाख 80 हजार सालाना करा देगा। इसके बाद राहुल कुमार सिंह ने ट्यूशन फीस कम कराने के नाम पर गजेंद्र कुमार सिंह से करीब 5.47 लाख रुपए ठग लिये।
रोजगार दिलाने के नाम पर
सदर थाना क्षेत्र के कोकर निवासी अविनाश कुमार ने रोजगार के नाम पर ठगी करने का मामला दर्ज कराया है। ठगों ने बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर उनको शिकार बनाया है। सदर थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अविनाश ने बताया कि उन्होंने नौकरी के लिए कई वेबसाइट पर आवेदन दिया था। एक व्यक्ति उनसे सपंर्क किया और कहा कि एक बैंक में पद रिक्त है। उसके लिए आपको कुछ प्रॉसेस से गुजरना होगा। जब दोनों ओर से सहमति बन गई तो ठग ने पहले ढाई हजार रुपए ऑनलाइन भुगतान ले लिया। इसके बाद पेपर वैरिफिकेशन सहित दूसरे कामों के नाम पर पैसा मांगे। अपराधियों ने अविनाश को झांसे में लेकर उसे ज्वाइनिंग लेटर देने के नाम पर करीब दो लाख 60 हजार रुपए ठग लिये।
लोन का बहाना
अरगोड़ा के रहने वाले किशोर एक्का माइंस का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे थे। इस पर अच्छा-खासा इंवेस्टमेंट होता, जिसे देखते हुए किशोर ने लोन के लिए अप्लाई किया। उन्हें 50 करोड़ रुपए लोन की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने एक कंपनी से संपर्क किया। लेकिन लोन दिलाने के नाम पर उनसे अलग-अलग काम के नाम पर 75 लाख रुपए से अधिक ठग लिये गए। न तो लोन मिला और न ही पैसे वापस हुए। जिसके बाद किशोर ने इस संबंध में थाने में मामला दर्ज कराया है। हालांकि, इस पर अनुसंधान चल रहा है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही ठगों को पुलिस बेनकाब कर देगी।
सेल्फ अवेयरनेस ही एकमात्र उपाय
आपके साथ भी ठगी न हो, इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपका अवेयर रहना। किसी भी अनजान शख्स पर आंख बंद करके भरोसा न करें। पैसे कीलेन-देन की बात आते ही किनारा करने का फैसला ले। सिर्फ ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि ऑफलाइन ठग आपको निशाना बनाने के लिए घूम रहे हैं। दोनों प्लेटफार्म पर सिर्फ अवेयरनेस से ही बचा जा सकता है। इस संबंध में पुलिस और विभिन्न संस्थाए भी लोगों को अवेयर करती है। साइबर डीएसपी यशोधरा ने बताया कि समय-समय पर नुक्कड़ नाटक और विभिन्न माध्यमों से लोगों को अवेयर किया जाता है। फिर भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। सेल्फ अवेयरनेस ही क्राइम से बचने का एकमात्र हथियार है।फ्रॉड के कुछ केस आए हैं। उनपर अनुसंधान चल रहा है। कुछ अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।
-यशोधरा, साइबर डीएसपी, रांची