- एससी-एसटी थाने में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाया गया

- अब समिति में नहीं बचे एक भी सदस्य

राज्य सरकार ने बाल कल्याण समिति रांची (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष रूपा कुमारी वर्मा और सदस्य तनुश्री सरकार को निलंबित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ एससी-एसटी थाने में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाते हुए कार्रवाई की गई है। दोनों का कार्यकाल करीब तीन माह शेष था। दोनों को निलंबित करने के बाद रांची जिला बाल कल्याण समिति में अब एक भी सदस्य नहीं हैं। समिति में अध्यक्ष समेत कुल पांच सदस्य थे। इसमें तीन का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। निलंबन की कार्रवाई महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने की है।

लगाए गए हैं कई आरोप

जानकारी के अनुसार दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी ने 21 फरवरी 2021 को सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन, सदस्य के अलावा डीसीपीओ कार्यालय में कार्यरत सीमा शर्मा सहित सिनी संस्था की कंकना वर्मन के खिलाफ एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया था कि संस्था द्वारा संचालित शेल्टर होम-बालगृह की आवंटित राशि को बेवजह रोक दिया जा रहा है। मानसिक रूप से प्रताडि़त कर फाइल रोककर 16 माह से शेल्टर होम संचालन की राशि नहीं दी गई। जाति सूचक शब्द का उपयोग किया गया। उन्हें इंटरनेशल फंड से 30 लाख रुपए मांडर और रांची क्षेत्र में बच्चों के हित में काम करने के लिए मिलने वाले थे, उसे भी रोक दिया गया। अभी सिर्फ सीडब्ल्यूसी पर करवाई हुई है, जबकि उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई की महिला अधिकारी सहित गैर सरकारी संस्था की सदस्य पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

प्रभावित होगा काम

अब रांची में बच्चो के संरक्षण का काम प्रभावित होगा, क्योंकि सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) की बेंच अब अधूरी हो गई है। जेजे एक्ट के अनुसार, किसी भी मामले में अंतिम निर्णय के लिए कम से कम तीन सदस्यों की सहमति अनिवार्य है। ऐसे में बच्चों के सर्वोत्तम हित में लिए जाने वाले निर्णय व अन्य मामलों के निबटारे पर असर पड़ेगा।

कोट

रांची सीडब्ल्यूसी के पद से निलंबित किए जाने की जानकरी मुझे नहीं है। अभी मैं शहर से बाहर हूं और छुट्टी पर हूं। वापस आने के बाद ही इसके बारे में डिटेल जानकारी दे सकते हैं।

रूपा वर्मा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, रांची जिला