रांची (ब्यूरो)। जेल में रहकर भी गैंगस्टर अपने मंसूबों को अंजाम देते रहते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जो गाहे-बगाहे हमारे सामने आते हैं, जिसमें जेल में बंद अपराधियों द्वारा अपराध को अंजाम देने का मामला सामने आता रहता है। ऐसा ही एक ताजा मामला फिर से आया, जिसमें जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का नाम रांची में हुई फायरिंग मामले में सामने आया है। जेल में बंद गैंगस्टर एक बार फिर से सक्रिय होने लगे हैं। कभी रंगदारी, कभी कभी फायरिंग मामले में उनकी संलिप्तता आती रही है। बीते दिनों ही राजधानी रांची के ओरमांझी में हुई गोलीबारी में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और उसके शूटरों का नाम सामने आ रहा है। इस गोलीबारी में दो लोग घायल हुए थे, इन दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। बता दें कि फायरिंग मामले में जमीन कारोबारी संजू जायसवाल ने थाने में एफआईआर दर्ज कराया है।

रंगदारी के लिए गोलीबारी

बीते शनिवार रांची के ओरमांझी में सुजीत सिन्हा गैंग द्वारा गोलीबारी की वारदात को अंजाम दिया गया। इसमें आजाद अंसारी और जावेद अंसारी को गोलियां लगी थीं। दोनों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामले की जांच में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि जमीन कारोबारी से सुजीत सिन्हा गिरोह द्वारा रंगदारी की मांग की गई थी। जबकि जमीन कारोबारी ने इसकी जानकारी न तो पुलिस को दी और न ही रंगदारी की रकम सुजीत सिन्हा तक पहुंचाई। वहीं, रंगदारी की रकम नहीं मिलने पर शनिवार को सुजीत सिन्हा गिरोह के गुर्गे जमीन कारोबारी को ही निशाना बनाने आए थे। अपराधी अपना निशाना बना भी लेते लेकिन उनके बीच में जमीन कारोबारी के दो कर्मचारी आजाद और जावेद अंसारी आ गए, जिसकी वजह से उन्हीं दोनों को गोलियां लग गईं।

क्या है पूरा मामला

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया की ओरमांझी में हुई गोलीबारी मामले में सुजीत सिन्हा और उसके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। गोलीबारी मामले में शामिल अपराधियों की पहचान हो गई है, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। बता दें कि राजधानी के ओरमांझी थाना क्षेत्र स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के पास अज्ञात अपराधियों द्वारा जमीन कारोबार से जुड़े आजाद अंसारी और जावेद अंसारी को गोली मारी गई थी। आजाद और जावेद रांची के जमीन कारोबारी के लिए काम करते हैं। ओरमांझी में जमीन कारोबारी का एक बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है। आजाद और जावेद उसी प्रोजेक्ट से लौट रहे थे, तभी बाइक सवार अपराधियों ने दोनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें आजाद के पैर में गोली लगी थी वहीं जावेद की पेट में।

शूटर्स की तलाश में जुटी पुलिस

मामले की जानकारी मिलते ही ओरमांझी थाना प्रभारी अनिल तिवारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के पास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से अपराधियों के सुराग हासिल हुए हैं। इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। गोलीबारी की वारदात के बाद पूरे इलाके की पुलिस द्वारा नाकेबंदी कर दी गई। रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल ने बताया कि ओरमांझी में हुई गोलीबारी में आजाद अंसारी और जावेद अंसारी घायल हुए हैं। दोनों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। अपराधियों की बहुत हद तक पहचान हो चुकी है, पुलिस की टीम उनकी तलाश कर रही है।

पहले भी जेल से ही दहशत फैला रहे हैं गैंगस्टर्स

झारखंड की जेलों में बंद गैंगस्टर्स लंबे समय से खुलेआम व्यापारियों, ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, चिकित्सकों सहित अन्य को धमकी देकर रंगदारी मांगते रहे हैं। डिमांड पूरी नहीं होने पर उनके गुर्गें रेकी कर दहशत फैलाते हैं। मौका मिलते ही गोलियां दाग देते हैं। पुलिस सब कुछ जानते हुए मौन साध लेती है। उदाहरण के तौर पर दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू ने कुछ महीने पहले ही लातेहार पुलिस को यह खुद से बताया था कि कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता उसके निशाने पर है। इसके कुछ ही दिनों बाद उसके गुर्गें रंजीत गुप्ता को गोली मार देते हैं। वहीं 65 करोड़ रंगदारी नहीं देने पर एवीपी शरत की भी हत्या अपराधियों द्वारा कर दी गई। ऐसे दर्जनों उदाहरण पुलिस के सामने हैं, फिर भी पुलिस सख्त एक्शन नहीं लेती है।

ओरमांझी थाना क्षेत्र में हुई गोलीबारी मामले में शामिल अपराधियों की पहचान हो गई है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

-चंदन सिन्हा, एसएसपी, रांची