रांची (ब्यूरो): मौके पर रांची विश्विद्यालय के कुलपति प्रो अजीत कुमार सिन्हा, प्रतिकुलपति प्रो कमानी कुमार, कुलसचिव प्रो मुकुंद चंद मेहता आदि गणमान्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में निवेदन किया गया कि अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन में चले जाने के वजह से विश्विद्यालयों एवम सभी अंगीभुत महाविद्यालयों में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है। स्नाकोत्तर विभागों एवम कॉलेजों में प्राय: सभी कार्य प्रभावित हो रहा है। मूल्यांकन कार्य पूरा नहीं होने के वजह से ससमय परीक्षाफल प्रकाशित नहीं हो पा रहा है। ऐसे भी सत्र पीछे चल रहा है। नए सत्र में पढ़ाई शुरू करवानी है।

जायज हैैं मांगें

वीसी ने कहा कि आप सहायक प्राध्यापकों की सभी मांगे जायज हैं। इसमें सरकार को अभिलम्ब विचार करना चाहिए। मैं तो मानता हूं की घंटी आधारित मापदंड होने के वजह से वेतन में भी काफी असमानता एवम विसंगतियां के साथ साथ पारिश्रमिक भी कम है। आप सहायक प्राध्यापकों को हर हाल में यूजीसी ग्रेड पे के अनुसार निश्चित मानदेय मिलना ही चाहिए। ऐसे भी किसी शिक्षक को पांच सालों तक घंटी में बांध कर नहीं रखा जा सकता। अब आप प्राध्यापकों का नेचर ऑफ जॉब चेंज होना ही चाहिए।

वीसी ने दिया आश्वसन

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से बात करूंगा और उनसे अनुरोध करूंगा कि इन्हे समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाय एवम इन्हें क्यों नहीं नियमित कर दिया जाए जब इनकी बहाली ही यूजीसी के नॉम्र्स और मापदंडों के अनुसार हुई है। रा'य में ऐसे भी उ'च शिक्षा की व्यवस्था चरमराई हुई है। विश्विद्यालयों और कॉलेजों में हजारों पोस्ट अभी भी रिक्त पड़े हैं, इसलिए आप सभी शिक्षक से अनुरोध है कि तत्काल अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन को स्थगित करते हुए अपने अपने कार्यों में लौट जाइए। तदानोपरांत उपस्थित सभी सहायक प्राध्यापकों ने ध्वनि मत से स्वीकार करते हुए हड़ताल को खत्म कर दिया गया। इस क्रम में रांची विश्विद्यालय के पदाधिकारियों ने सभी अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को जूस पिलाकर प्रदर्शन को स्थगित कराया गया। विश्विद्यालय के द्वारा इस कार्य की सभी प्राध्यापकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। प्रदर्शन के 24वें दिन रांची विश्विद्यालय के पदाधिकारियों एवम सरकार के सकारात्मक आश्वासन के उपरांत समापन किया गया।

इनकी रही उपस्थिति

इस समापन समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए सैकड़ों घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक उपस्थित रहे। इनमें मुख्य रूप से डॉ राम कुमार, डॉ दीपक कुमार, डॉ बिंदेश्वरी साहू, डॉ त्रिभूवन शाही, डॉ अशोक कुमार महतो, डॉ अजय नाथ सहदेव, डॉ स्मिता गुप्ता, डॉ निवेदिता मुनमुन, डॉ आराधना तिवारी, डॉ नीलम कुमारी, डॉ संजू कुमारी, डॉ नीरा वर्मा, डॉ अल्पना मेहता, इंद्रजीत राम, माधुरी कुमारी, सुषमा कुजूर, डॉ लक्ष्मी पिंगुआ, डॉ अंजुलता कुमारी, डॉ संगीता पी। सांगा, 'योत्सना कुमारी, डॉ संध्या कुमारी, कुमारी कंचन बर्नवाल, निहारिका सिंह, वर्षा कुमारी, डॉ प्रियंका कुमारी, डॉ सीजरेन सुरीन, असनिता कंडुलना, डॉ अंजुम आरा, ममता कुमारी, जयंती कुमारी, डॉ सरबानी चक्रवर्ती आदि उपस्थित रहे।