रांची (ब्यूरो) । सीएमपीडीआई (मुख्यालय), रांची को संस्थान में संभावित रिश्वतखोरी के जोखिमों को समाप्त करने के लिए संस्थान द्वारा अपनाए गए एंटी ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम (एबीएमएस) की ऑडिट के बाद भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आईएसओ 37001-2016 एंटी ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम के लाइसेंस का फिर प्रमाणन किया गया। यह लाइसेंस 17 जनवरी, 2027 तक वैध है। उल्लेखनीय है कि सीएमपीडीआई को पहली बार वर्ष 2021 में आईएसओ 37001-2016 प्रमाणन के साथ मान्यता प्रदान की गयी थी।

यह एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम (एबीएमएस) प्रमाण-पत्र सीएमपीडीआई (मुख्यालय), रांची की सभी संबद्ध प्रयोगशालाओं सहित कर्मियों और अन्य व्यावसायिक प्रक्रियाओं के लिए प्रशिक्षण, आंतरिक सहायता सेवाएं, खनिज गवेषण, माइन प्लानिंग एंड डिजाइन, पर्यावरण प्रबंधन, प्रबंधन प्रणाली, संबद्ध इंजीनियरिंग, मानव प्रावधान की सभी गतिविधियों के लिए ब्राइबरी की रोकथाम, इसके पता लगाने और प्रतिक्रिया के संबंध में प्रदान किया गया है।

मदद करने के लिए

आईएसओ 37001, एक एंटी ब्राइबरी प्रबंधन प्रणाली, संगठनों को रिश्वतखोरी को रोकने, पता लगाने और संबोधित करने में मदद करने के लिए उपायों की एक श्रृंखला निर्दिष्ट करती है। इनमें एंटी ब्राइबरी नीति अपनाना, एंटी ब्राइबरी अनुपालन, प्रशिक्षण, जोखिम मूल्यांकन और परियोजनाओं और व्यावसायिक सहयोगियों पर उचित परिश्रम की निगरानी के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करना, वित्तीय एवं वाणिज्यिक नियंत्रण लागू करना और रिर्पोटिंग और जांच प्रक्रियाएं स्थापित करना शामिल है। एंटी ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम, प्रबंधन, कर्मियों और हितधारकों के बीच विश्वास बढ़ाती है कि एक संगठन रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और स्वीकृत प्रक्रियाओं को सक्रिय रूप से अपना रहा है।