रांची(ब्यूरो)। राजधानी के लोगों को अगले 3 महीने तक चिकेन नहीं मिलेगा। प्रशासन ने बिक्री पर रोक लगा दी है लेकिन प्रशासन का यह आदेश रांची शहर से 10 किलोमीटर आगे जाते हैं ही हवा हवाई हो जाता है। रामगढ़ रोड, जमशेदपुर रोड, गुमला रोड, लोहरदगा रोड में पहुंचते ही आसानी से लोगों को चिकेन मिल जा रहा है। शहर से 10 किलोमीटर दूर जाने पर चिकेन के दाम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में यह बात उठ रही है कि प्रशासन ने कैसी रोक लगाई है, जब लोगों को आसानी से चिकेन उपलब्ध हो ही जा रहा है।
क्या है प्रशासन का आदेश
झारखंड के बोकारो जिला के बाद बर्ड फ्लू ने राजधानी रांची में अपनी रफ्तार तेज कर ली है। जिससे लगातार मुर्गियों की मौत हो रही हैं। हालांकि, अब राजधानी के अलावा राज्य के कई अन्य हिस्सों में भी फ्लू ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। बर्ड फ्लू संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने रांची में तीन सदस्यीय टीम तैनात कर दी है। वहीं प्रशानस ने राजधानी में चिकेन यानी मुर्गियों की बिक्री पर अगले तीन महीने तक रोक लगा दी है।
बिक्री पर रोक क्यों
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग को स्पष्ट हिदायत है कि प्रोटोकॉल के तहत इंफेक्टेड जोन में अगले 3 महीने तक पॉल्ट्री और पॉल्ट्री उत्पाद की खरीद-बिक्री बिल्कुल भी नहीं की जाएगी। साथ ही पॉल्ट्री व पॉल्ट्री उत्पाद की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है। जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग को मिली हिदायत के अनुसार, इंफेक्टेड जोन में स्वच्छता को लेकर विशेष ध्यान रखते हुए गहन निगरानी की बात भी कही गई है। बता दें कि राजधानी में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से मुर्गियों की मौत की पुष्टि होने के बाद इसका संक्रमण इंसानों में भी फैलने की आशंका जताई जा रही है। जिसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के बाद प्रशासन ने अगले तीन महीने तक मुर्गियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है।
पहले स्वच्छता प्रमाण पत्र जारी होगा
रांची के इंफेक्टेड जोन में स्वच्छता का आकलन करने के बाद स्वच्छता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। राजधानी रांची में सबसे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के आवास पर 10 मुर्गियों की मौत हुई थी, जिसके सैंपल भोपाल और कोलकाता भेजे गए थे। इसके बाद रिपोर्ट में मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू /एवियन इन्फ्लूएंजा से होने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा राजधानी के जेल चौक स्थित आवासीय परिसर में भी बर्ड फ्लू से ही मुर्गियों की मौत की पुष्टि हुई। उसके बाद से आवासीय परिसर को एपिक सेंटर बनाते हुए 1 किलोमीटर की परिधि में इंफेक्टेड जोन साथ ही 10 किलोमीटर की परिधि में सर्विलांस जोन बनाकर लगातार गहन मॉनिटरिंग की जा रही है।