रांची(ब्यूरो)। अगर आप ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए गेम खेल कर पैसा कमाना चाहते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, साइबर अपराधी अब ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए भी ठगी करने लगे हैं। ऑनलाइन गेमिंग ऐप जैसे ड्रीम इलेवन, फैंटेसी क्रिकेट और ऑनलाइन रमी खेल के नाम पर ठगी की जा रही है। छत्तीसगढ़ का साइबर गैंग रांची में भी अब एक्टिव हो गया है। रांची पुलिस ने दो दिन पहले कुछ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जिनसे हुई पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। अपराधियों की पहचान छत्तीसगढ़ के सरजुआ जिला के रहने वाले अरमान नामदेव, करण नामदेव, ललित सोनी व प्रत्युष श्रीवास्तव के रूप में हुई है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 01 लैपटॉप, 25 एटीएम, 07 चेकबुक, 24 पासबुक, 22 मोबाइल, 04 सिम, वाईफाई सहित अन्य सामान भी बरामद हुए हैं। ये सभी अपराधी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा के नाम पर ठगी किया करते थे।
रेंट का फ्लैट ठिकाना
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिंह को मिली सूचना के बाद रांची के सदर थाना इलाके से छत्तीसगढ़ के चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार साइबर अपराधी किराये पर फ्लैट लेकर रह रहे थे और यहां से ही ठगी के नेटवर्क को ऑपरेट कर रहे थे। साइबर अपराधी पिछले एक महीने से किराये के मकान में रहकर ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा खेला कर ठगी को अंजाम दे रहे थे। रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित ईशा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में साइबर अपराधी अपना डेरा जमाए हुए थे।
सट्टा, ऑनलाइन गेमिंग एप व फोन कॉल
रांची में बैठकर यह गिरोह सिर्फ अपने शहर ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी अपना शिकार बना रहे थे। साइबर अपराधी सट्टा, ऑनलाइन गेमिंग एप और फोन कॉल करके लोगों से ठगी किया करते थे। इसकी जानकारी पुलिस को मिली और पुलिस की टीम फ्लैट में छापेमारी करने पहुंच गई, जहां से चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। रांची एसएसपी ने बताया कि ये साइबर अपराधी पिछले एक महीने से रांची में किराये के मकान में रह रहे थे और लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। वहीं, जांच में ये बात भी सामने आई कि यह गिरोह छत्तीसगढ़ में एक्टिव था और अब झारखंड में भी अपनी जड़ें जमाने में जुटा हुआ था लेकिन पुलिस को इसकी सूचना मिल गई, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
ऑनलाइन गेम के बहाने लेते थे खाते की जानकारी
पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने मामले को लेकर खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया कि वे लोग ऑनलाइन गेम खेलाने के दौरान अपने शिकार से काफी नजदीक हो जाते थे। इसके बाद दूसरे-दूसरे गेम को विदेशों से मंगाने के लिए उनके खातों के डिटेल मांग लेते थे और फिर मौका देखते ही पैसे गायब कर देते थे। पूछताछ में यह पता चला है कि इस गिरोह में दर्जनों लोग जुड़े हुए हैं। इस गिरोह का नेटवर्क पूरे छत्तीसगढ़ में फैला हुआ है। वहीं से गिरोह ऑपरेट भी होता है। रांची में इस गिरोह का संचालन आरोपी ललित सोनी किया करता था। रांची एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रहता है, उसकी गिरफ्तारी के लिए रांची पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस से भी संपर्क किया है।
ऐसे करते हैं ठगी
-साइबर अपराधी खुद को ऑनलाइन गेमिंग ऐप में रजिस्टर करते हैं। इस कारण ट्रेस करना मुश्किल होता है।
-साइबर अपराधी ठगी के लिए इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआइ या कार्ड के जरिए ट्रांजेक्शन करने के लिए कहते हैं।
-ठगी के अधिकतर गेमिंग ऐप गूगल प्ले स्टोर में मौजूद नहीं होते हैं।
बचने के लिए क्या करें
-किसी भी गेमिंग ऐप के वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
-अगर आम लोग ऐसी किसी घटना के शिकार होते हैं, तब इसकी शिकायत थाने में या साइबर सेल में करें
-गूगल प्ले स्टोर, ऐपल स्टोर जैसे प्रामाणिक स्रोतों से ही ऐप डाउनलोड करें
-ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू की पूरी जानकारी लें
-कभी भी अपनी निजी जानकारी किसी ऐप से साझा न करें
-उन ऐप्स से सावधान रहें जो आपको बड़ा पुरस्कार जीतने का लोभ देते हैं