RANCHI(15 Oct): कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आवेदन लेकर थाना गया तो कहा गया कि यह एसएसपी ऑफिस से बनता है। फिर कहा गया कि एसडीओ को आवेदन दीजिए, तभी कुछ होगा। दो दिनों तक थाना, एसएसपी ऑफिस भटकता रहा। लेकिन सर्टिफिकेट नहीं बना। बाद में भ्00 रुपए देने पर कैरेक्टर सर्टिफिकेट पर मुहर लगा दी। यह कहना है जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हटिया सिंहमोड़ निवासी नीलू कुमार श्रीवास्तव का। हालांकि, यह सिर्फ नीलू श्रीवास्तव का इकलौता मामला नहीं है, बल्कि आर्मी में बहाली को लेकर दर्जनों ऐसे कैंडिडेट्स हैं, जिन्हें क्0 दिन से भी ज्यादा दौड़ाया गया, लेकिन कैरेक्टर सर्टिफिकेट नहीं बना। यानी भ्00 रुपए दो और कैरेक्टर सर्टिफिकेट पाओ वाली स्थिति है। सर्टिफिकेट बनवाने के लिए युवा ऑफिस-ऑफिस चक्कर लगाने को मजबूर हैं। नीलू ने बताया कि उन्हें ठेका कार्य के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाना था।

 

आर्मी में होना था बहाल, क्0 दिन दौड़ाया

पंडरा ओपी एरिया में रहनेवाला एक युवक आर्मी बहाली में शामिल होनेवाला था। उसने पंडरा ओपी में कैरेक्टर के लिए दस दिनों तक दौड़ लगाई। कभी उसे कोर्ट से एफिडेविट लाने के लिए कहा गया तो कभी पदाधिकारी नहीं होने की बात कही गई। फिर, एक समाजसेवी के कहने पर कैरेक्टर बनाया गया, तब युवक बहाली प्रक्रिया में शामिल हो सका था।

 

कैरेक्टर सर्टिफिकेट में मांगते है सोर्स

कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनाने वालों का रांची में किसी से जान पहचान है या नहीं। यह देखा जाता है। जबकि कैरेक्टर बनानेवाले के पास फोटो, जिस मकान में रहता है, उसकी तस्वीर तथा आधारकार्ड अटैच किया हुआ रहता है।

 

यह मामला गंभीर है। इस मामले को देखा जा रहा है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

-भोला प्रसाद सिंह, डीएसपी, कोतवाली