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RANCHI(4 April): जिस जमीन को लेकर चावल व्यवसायी मनोज कुमार उर्फ मंटू की हत्या की गई, उसका मालिकाना हक पंडरा अखराकोचा के बबलू उरांव के पास है। बबलू ने मनोज को पहले भी बाउंड्रीवॉल करने से मना किया था। इसके बावजूद मंगलवार को मनोज कुमार वहां काम करवा रहा था। इसी क्रम में बबलू उरांव की मां वहां पहुंची और काम बंद कराने के लिए कहा। इस पर मनोज ने उसकी मां को थप्पड़ मार दिया। इसकी जानकारी बबलू उरांव को मिली। वह अपने दो साथियों चामा के शनिचर उरांव, बुकरू के मोहन उरांव के साथ पहुंचा और पत्थर से कूच-कूचकर मनोज की हत्या कर दी। इस मामले में कांके थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी बबलू उरांव को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी है।

 

आज फिर संदिग्धों से पूछताछ

मनोज हत्याकांड में इंस्पेक्टर राजीव रंजन अपने को बचाने के लिए कमजोर लोगों पर जोर-आजमाईश कर रहे हैं। यह आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। कहा कि तीन अपै्रल की रात में पुलिस रोज कमाने खाने वाले नवाडीह गांव के 5 गरीब आदिवासियों छुन्नू, गोंसला, नंदा उरांव, विनय उरांव व एक अन्य को घर से उठाकर थाने ले आई थी। रातभर इनसे पुछताछ कर चार अप्रैल की शाम को रिहा कर दिया था। पांच अप्रैल को इस मामले में पुन: पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

 

रकबा 76 डिसमिल, डीड 176 का

जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तो पाया कि वहां कुल 76 डिसमिल जमीन का रकबा है। पर, वहां 176 डिसमिल जमीन का डीड मिला। इनमें से 50 डिसमिल का डीड ही सही है। अन्य 50-50 के दो डीड फॉल्स तरीके से बनाया गए है, जिसमें 26 डिसमिल भी शामिल है।

 

क्या कहते में व्यवसायी

लोगों का टेम्परामेंट लूज हो रहा है, छोटी छोटी बातों पर हर दिन हत्याएं की जा रही हैं। आगे से हत्याएं न हो इसके लिये थाना स्तर पर 3 प्रबुद्धजनों की एक कमेटी बनायी जाये। ऐसे तत्वों की पहचान होनी चाहिये जो जमीन से जुड़े विवाद पर हत्या जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं- राम बांगर, व्यवसायी राजधानी में जमीन विवाद में लगातार हत्याएं हो रही हैं इसके लिये प्रखंड स्तर के सीओ और कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध होती है। आज रांची में एक जमीन के दो-दो मालिक है। सवाल सिस्टम में सुधार करने का है। जमीन से जुड़े विवादों की मॉनिटरिंग थाना स्तर पर होनी चाहिए। विनय अग्रवाल, पूर्व चेंबर अध्यक्ष