रांची (ब्यूरो)। बिल्डर लोगों से पैसे लेकर उनका आशियाना देने का वादा करते हैं, लेकिन पैसे के अभाव के कारण बीच में ही निर्माण कार्य बंद कर देते हैं। अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाते हैं, इसका खामियाजा आशियाने का सपना देखने वाले लोगों को उठाना पड़ता है। अब केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय अल्प और मध्यम आय वर्ग के ऐसे खरीदार जो फ्लैट बुक कराए हैं लेकिन बिल्डर ने उन्हें फ्लैट हैंडओवर नहीं किया है, उन्हें समय पर घर दिलाने के लिए नई योजना शुरू की है। वैसे बिल्डर जिनके प्रोजेक्ट पैसे की कमी या दूसरे कारण से अधूरे पड़े हैं। अब सरकार उसे पूरा कराएगी। झारखंड में अधूरे प्रोजेक्ट का आकलन करने के लिए झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (झारेरा) ने बिल्डरों और प्रोमोटरों से ऐसे प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी मांगी है।

30 दिनों में देनी है जानकारी

झारेरा की ओर से सभी बिल्डर्स और प्रोमोटर्स को पत्र लिखा गया है और 30 दिन के अंदर उनको सारा डिटेल्स देने को कहा गया है। उनसे पूछा गया है कि आखिर उनका प्रोजेक्ट किस कारण से अधूरा पड़ा है। और उन्हें किस तरह की सहायता चाहिए। अधूरे प्रोजेक्ट की डिटेल्स रिपोर्ट और सहायता की मांग का प्रस्ताव आने के बाद झारेरा द्वारा सहायता उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।

सैकड़ों प्रोजेक्ट्स हैं रजिस्टर्ड

झारेरा के पास झारखंड के अलग-अलग शहरों में चल रहे निर्माण के तहत 750 से अधिक प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हैं। इनमें से कितने प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं इसकी जानकारी अभी झारेरा के पास उपलब्ध नहीं है। इसलिए झारेरा की ओर से ऐसे डेवलपर्स से डिटेल्स मांगा गया है, जिनका प्रोजेक्ट किसी भी कारण से रुका हुआ है।

पैसा भी झारेरा देगा बिल्डर को

जिस भी बिल्डर और डेवलपर का प्रोजेक्ट अधूरा है, उसके प्रोजेक्ट की डीले के कारण के साथ सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी भी झारेरा की होगी। अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अगर पैसे की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार फ ंड देकर उस प्रोजेक्ट को पूरा कराएगी। लेकिन इसके लिए बिल्डर को सीधे तौर पर पैसा नहीं दिया जाएगा। झारेरा द्वारा अलग अकाउंट खुलवाकर प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा 3 साल पहले अल्टरनेटिव फ ंड की व्यवस्था की गई थी। इस योजना के तहत हाउसिंग प्रोजेक्ट को बूस्टर डोज देने की तैयारी की गई है।

खरीदारों को होगी राहत

केंद्र सरकार द्वारा राच्य सरकार को इससे जुड़ा हुआ पत्र भेजा गया है। उसमें कहा गया है कि अधूरे प्रोजेक्ट में अल्प एवं मध्यम आय वर्ग के लोगों का पैसा लगा हुआ है। मकान फ्लैट नहीं मिलने के कारण खरीदारों द्वारा विभिन्न संस्थाओं से लिये गए लोन की ईएमआई के साथ वर्तमान में रहने वाले घर का किराया कभी भुगतान करना पड़ता है। इससे खरीदारों को दोहरा आर्थिक चोट उठानी पड़ती है। बिल्डरों की गलती के कारण आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए आम लोगों को राहत देने के लिए यह काम किया जा रहा है।

तीन दर्जन से ज्यादा बिल्डर्स पर एक्शन

झारेरा द्वारा 42 बिल्डरों पर कार्रवाई की गई है। प्रोजेक्ट की क्वार्टर रिपोर्ट नहीं देने पर बिल्डरों पर 30 लाख 75 हजार रुपए फाइन लगाया गया है। बता दें कि झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने को लेकर सख्त हो गया है। वहीं फ्लैट के खरीदारों द्वारा मिल रही शिकायतों के बाद अब झारेरा एक्शन मोड में है। सभी बिल्डरों को प्रोजेक्ट पूरा होने तक हर तीन महीने पर क्वार्टर रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं प्रोजेक्ट में देरी होने की सूचना भी बिल्डरों को देनी है। इसके बावजूद बिल्डरों ने पिछले तीन क्वार्टर की रिपोर्ट जमा नहीं की है।