RANCHI: मुख्यमंत्री जी हमारे स्कूल में कंप्यूटर है, लेकिन शिक्षक नहीं। म्यूजिक इक्विपमेंट्स हैं, लेकिन एक्सपर्ट नहीं। स्कूल में एक ही टीचर हैं, उन पर भी ऑफिशियल वर्क का ही ज्यादा दबाव है। ये कहना है राज्य के एकमात्र हरमू स्थित गवर्नमेंट रेसिडेंशियल ब्लाइंड स्कूल के स्टूडेंट्स का। सुविधा व संसाधनों का अभाव झेल रहे स्टूडेंट्स ने सीएम से कंप्यूटर व म्यूजिक टीचर बहाल करने का आग्रह किया है।
13 साल से प्रिंसिपल नहीं
ब्लाइंड स्कूल में एक असिस्टेंट टीचर मनोहर बूढ़ हैं, जिनके पास प्रिंसिपल का भी प्रभार है। अकलू खडि़या क्लर्क, लखीदास मांझी रसोइया और लोरेंसिया केरकेट्टा फोर्थ ग्रेड की कर्मचारी हैं। स्कूल के प्रिंसिपल केके मिश्र साल 2003 में ही रिटायर हो गए, इसके बाद से अब तक प्रिंसिपल की बहाली नहीं हुई। 30 नवंबर 2014 को संगीत शिक्षक लक्ष्मण चौधरी रिटायर हो गए। रीडर(वाचक)सुसाना डांग 20 मई 2014 को रिटायर हो गई।
नहीं है नाइट गार्ड
इस आवासीय विद्यालय में साल 2006 से ही नाइट गार्ड का पोस्ट खाली है। नाइट गार्ड के बिना ही स्टूडेंट्स स्कूल में रहते हैं। अगर रात-बिरात किसी तरह की घटना या दुर्घटना हुई, तो स्टूडेंट्स की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।
धूल फांक रहे 11 कंप्यूटर
स्कूल में केंद्र सरकार की ओर से 11 कंप्यूटर साल 2011 में दिए गए थे, एक एनजीओ के थ्रू दो सालों तक स्टूडेंट्स को कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी गई, बाद में केंद्र सरकार की योजना खत्म हो गई, अब कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। स्कूल में कंप्यूटर टीचर के पद का सृजन ही नहीं हुआ है।
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इस सेशन में दो एडमिशन
सेशन 2016 के लिए राजकीय नेत्रहीन विद्यालय में दो नामांकन हुए हैं। पहली क्लास में एडमिशन के लिए पश्चिमी सिंहभूम से रातू लोमगा और रातू से शिवम कुमार सिंह के आवेदन के बाद समाज कल्याण विभाग की ओर से एडमिशन किया गया है।
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सात सीटें रह गई खाली
राज्य के एक मात्र राजकीय नेत्रहीन विद्यालय में स्टूडेंट्स कैपिसिटी 30 है। इस सेशन के पहले यहां पर स्टूडेंट्स की संख्या 17 थी। इस सेशन में दो स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ है। स्कूल में एडमिशन के लिए पहले व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता था, लेकिन इस सेशन में एडमिशन के लिए समाज कल्याण विभाग ने किसी तरह की सक्रियता नहीं दिखाई। लिहाजा एडमिशन के लिए आवेदन भी कम आए।
ब्लाइंड स्कूल हरमू में 30 स्टूडेंट्स की कैपासिटी
क्लास 1 में 5
2 में 1
3 में 4
4 में 3
5 में 4
6 में 2
क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
हमारे स्कूल में कंप्यूटर है, लेकिन कभी चलाया नहीं है। टीचर होने से हमलोग भी कंप्यूटर चला पाते।
गुलाब उरांव
कंप्यूटर का ज्ञान बहुत जरूरी है। इसके बिना हम समाज की मुख्यधारा में कदम से कदम मिलाकर नहीं चल सकते हैं।
रोहित कुमार
हमारे स्कूल को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है। पता नहीं, राजधानी में होने के बावजूद हमारा स्कूल क्यों उपेक्षित है। सरकार को पहल करनी चाहिए।
अखिलेश मिंज
स्कूल में सभी साधन और संसाधन होने चाहिए। मिडिल स्कूल के बाद हाई स्कूल की पढ़ाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए। मिडिल स्कूल से पास करने के बाद हमारे लिए आगे के रास्ते बंद हो जाते हैं।
दिनेश्वर मुंडा
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वर्जन ::::::
ब्लाइंड स्कूल में टीचर्स की रिक्रूटमेंट के लिए डिपार्टमेंट को लिखा गया है। टीचर्स के अप्वाइंटमेंट का रूल फ्रेम हो रहा है, जल्द ही टीचर्स बहाल होंगे।
-एनएन वर्मा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, रांची