RANCHI : अगर देश में हॉकी की नर्सरी के रूप में झारखंड की पहचान है तो यहां सिमडेगा जिला हॉकी का गढ़ माना जाता है। इस जिले से कई इंटरनेशनल प्लेयर्स निकले हैं, जिन्होंने अपने खेल से राज्य और देश का नाम रौशन किया है। इंडियन वीमेंस टीम की कैप्टन रह चुकीं सुमराय टेटे और असुंता लकड़ा सिमडेगा जिले की ही बेटी हैं। हाल ही में अंतराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहने वाली असुंता लकड़ा ने सिमडेगा में हॉकी को संवारने का बीड़ा उठाया है।
रंग लाएगी मेहनत
जिस गांव में पली-बढी। जहां के ऊबड़-खाबड़ मैदान में पहली बार स्टिक को हाथों में थामा। अब वहीं हॉकी के नए टैलेंट को तराशेंगी असुंता लकड़ा। फॉरमर इंटरनेशनल प्लेयर असुंता लकड़ा को सिमडेगा डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। ऐसे में असुंता के सामने अब हॉकी की प्रतिभाओं को संवारने की बड़ी चुनौती है। इस बाबत असुंता ने बताया कि सिमडेगा में हॉकी को बढ़ाना उनका पहला लक्ष्य है। यहां हॉकी के टैलेंट्स की कोई कमी नहीं है, पर मौका नहीं मिलने से ये आगे नहीं बढ़ पाते हैं। अब ये आगे बढ़ें, यही हमारी कोशिश होगी।
निकलें इंटरनेशनल प्लेयर्स
असुंता ने बताया कि सिमडेगा से कई इंटरनेशनल प्लेयर्स निकलें हैं। यहां हॉकी प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं। बस इसे निखारने की जरूरत है। हमारा प्रयास है कि यहां प्लेयर्स को ऐसी ट्रेनिंग दी जाए, ताकि वे नेशनल-इंटरनेशनल लेवल पर अपने खेल से अपना और देश का नाम रौशन करें।
भनोट सिर्फ कागज पर थे चेयरमैन
34वें नेशनल गेस आयोजन घोटाला मामले में ारतीय ओलंपिक संघ की ओर से गठित स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स एवं परचेज कमेटी के चेयरमैन डॉ। ललित ानोट से बुधवार को निगरानी यूरो में पूछताछ की गई। दोपहर 12 से लेकर चार बजे तक हुई इस पूछताछ में ानोट ने बताया कि वे केवल कागज पर चेयरमैन बनाए गए थे। उन्होंने परचेचिंग का एक ाी काम नहीं किया है। सारा काम स्पोर्ट्स मेंबर एएसयूवी प्रसाद ही करते थे। जबकि स्पोर्ट्स कमेटी जरूरी ोल सामग्री और उसके दर निर्धारण के लिए गठित की गई थी।
एएसयूवी प्रसाद से 10 दिसंबर को होगी पूछताछ
निगरानी यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस मामले में काफी घालमेल है। 10 दिसंबर को एएसयूवी प्रसाद को निगरानी यूरो में बुलाया गया है, जहां उनसे क्रॉस एग्जामिनेशन किया जाएगा। गौरतलब हो कि निगरानी ने स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स की ारीद में 28.38 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी थी।