-भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और ध्यान फाउंडेशन की टीम कर रही कैंप

-देश में हर साल डेढ़ से दो लाख का चल रहा अवैध कारोबार

RANCHI@inext। co.in

RANCHI(25 Aug): गोवंश की तस्करी मामले में झारखंड देश के टॉप पांच राज्यों में शामिल है। देश में इसका कारोबार सालाना डेढ़ से दो लाख करोड़ रुपए का है। यह दावा पशु क्रूरता के खिलाफ पिछले कई वर्षो से भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के साथ मिलकर काम कर रही संस्था ध्यान फाउंडेशन का है। पशुओं के खिलाफ उदार होने का संदेश देने वाली यह संस्था देश में जहां फ्भ् गौशाला का संचालन कर रही है, वहीं कुत्तों के क्भ्0, बंदरों के आठ तथा ऊंटों के क्0 केंद्र भी संचालित कर रही है। शुक्रवार को रांची के एक निजी होटल में मीडिया से मुखातिब संस्था के संस्थापक योगी अश्विनी ने यह जानकारी दी।

डोरंडा में म्00 गोवंश रखे हैं

योगी के अनुसार राजधानी रांची के डोरंडा स्थित कसाई मुहल्ले में तस्करी कर म्00 गोवंश तथा गिरिडीह के घोड़थंबा में क्भ्0 ऊंट रखे जाने की सूचना पर संस्था और बोर्ड की ख्भ् सदस्यीय टीम दो दिन पूर्व झारखंड पहुंची है। टीम और रांची पुलिस के सहयोग से गुरुवार की रात डोरंडा से फ्भ्0 गोवंश मुक्तकराए गए। उन्होंने कहा कि संस्था ¨हदू-मुसलमान नहीं, बल्कि इंसानियत के नाते पशु क्रूरता के खिलाफ जंग लड़ रही है। संस्था शीघ्र ही रांची में गोशाला खोलेगी।

भ् हजार की गाय बांग्लादेश में म्0 हजार में बिक रही

कहा कि राजस्थान में जो ऊंट आठ हजार रुपए में खरीदे जाते हैं, पश्चिम बंगाल में उसकी कीमत 80 हजार तक पहुंच जाती है। बांग्ला देश में यह डेढ़ लाख रुपए तक में बिक रहे। पांच हजार की गायें म्0 हजार में बिक रही हैं। उन्होंने दावा किया कि तस्करी के इस खेल में आतंकवादी संगठनों की भूमिका है। उन्होंने कहा कि गायों के चारों पैरों को बांधकर भारत की सीमा से बंगाल सीमा में फेंके जाने (झूला कुप्रथा) पर फाउंडेशन की सख्ती के बाद ही पाबंदी लगी है।