रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची की सड़कों पर आए दिन रोड एक्सीडेंट होते रहते हैं। सिटी के अंदर की सड़कें हों या फिर नेशनल हाईवे, हर जगह सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं में घायल की अपेक्षा मरने वालों की संख्या ज्यादा है। उन्हें समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से जान जाने की नौबत आ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि गोल्डन आवर में चोटिल व्यक्ति को मेडिकल ट्रीटमेंट मिलने से जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस खरीदने का निर्णय लिया है। यह एंबुलेंस सिर्फ रोड एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने का काम करेंगे। एंबुलेंस की खरीदारी के लिए पांच करोड़ रुपए सैंक्शन कर दिए गए हैं। सिर्फ राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरे स्टेट के लिए एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की खरीदारी होगी।
16 ट्रामा सेंटर बनकर तैयार
एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सिर्फ रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को ट्रामा सेंटर पहुंचाने का काम करेंगे। राज्य भर में ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। फिलहाल 16 ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हैं। ये एंबुलेंस फिलहाल इन्हीं ट्रामा सेंटर को कवर करेंगे। नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर 48 ट्रामा सेंटर खोलने की योजना है। फस्र्ट फेज में 24 सेंटर को चालू करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें से 16 सेंटर घायलों के इलाज के लिए तैयार हो गए हैं। इन ट्रामा सेंटरों में 24 घंटे लाइफ सेविंग ड्रग्स के साथ ही सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जो घायलों की जान बचाने के लिए जरूरी होंगी। वहीं डॉक्टरों की टीम भी इन सेंटरों पर मौजूद रहेगी। जरूरत पडऩे पर प्राइवेट हॉस्पिटलों से भी मदद ली जाएगी।
परिवहन विभाग भी कर रहा तैयारी
राजधानी रांची में सड़क दुर्घटना रोकने और उसमें कमी लाने के लिए परिवहन विभाग भी अपनी तैयारी में जुटा हुआ है। दुर्घटना रोकने के लिए स्पीड गन, इंटरसेप्टर व्हीकल समेत अन्य उपकरणों की खरीदारी की गई है। वहीं सड़कों पर बने ब्लैक स्पॉट भी लोगों की जान ले रहे हैं। ब्लैक स्पॉटों पर एक के बाद एक लगातार हादसे हो रहे हैं। सड़कों के गड्ढे भी जानलेवा बन चुके हैं। ब्लैक स्पॉटों की पहचान और इसमें सुधार की बार-बार योजनाएं जरूर बनीं, लेकिन जमीन पर योजनाएं कब उतरेंगी, इसका कोई जवाब नहीं है। सड़क हादसा रोकने के लिए रांची जिले में 52 ब्लैक स्पॉट चयनित किए गए हैं। राजधानी में रांची-रामगढ़ रोड, रांची-पतरातू रोड, रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग, रांची रिग रोड, रांची-खूंटी मार्ग, रांची-गुमला मार्ग, कांटाटोली से ओरमांझी, रांची-लोहरदगा रोड पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं।
85 परसेंट हादसे रैश ड्राइविंग से
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में तेज गति के कारण 85 परसेंट एक्सीडेंट हुए। वहीं शराब के नशे में वाहन चलाने की वजह से 7 परसेंट, जबकि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने पर 20 परसेंट एक्सीडेंट रिकार्ड किए गए। ऐसे में साफ है कि हाइवे के किनारे एक्सीडेंट में ज्यादा लोगों की जान गई। हाइवे पर ही लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं। अनबैलेंस्ड होकर या तो किसी दूसरे वाहन को ठोकर मार देते हैं या फिर सड़क पर स्किट होकर गिर जाते हैं। ऐसे में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सफल सिद्ध हो सकती है।