रांची(ब्यूरो)। सिटी की सड़कों पर बगैर नंबर प्लेट के सैकड़ों गाडिय़ां फर्राटे भर रही हैं। इन गाडिय़ों को पकडऩा तो दूर की इनकी तरफ कोई देखता तक नहीं। ये किसी व्यक्ति की निजी गाड़ी नहीं, बल्कि अलग-अलग विभागों की सरकारी गाडिय़ां हैं। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देशानुसार बिना नंबर की गाड़ी को जब्त करने का आदेश है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या बिना नंबर की घूूम रही सरकारी गाडिय़ों पर कोई कार्रवाई होगी। क्या इसे जब्त किया जाएगा। या फिर सभी नियमों कानूनों से ऊपर है सरकार का विभाग और उसमें चलने वाली गाडिय़ां। सबसे ज्यादा नगर निगम के वाहन बिना नंबर के घूम रहे हैं। पुलिस थानों की जीप हो या नगर निगम से चलने वाली गाड़ी ट्रैक्टर टाटा एस। सरकारी विभाग में चलने वाले कई ऐसे वाहन हैं, जिनमें नंबर प्लेट ही नहीं है। जिसमें नंबर लिखा हो। चाहे पुरानी गाड़ी हो या नई सब की हालत ऐसी ही है। किसी का नंबर मिट चुका है। तो किसी गाड़ी में नबंर प्लेट लगा ही नहीं है। लेकिन ट्रैफिक विभाग के पुलिस कर्मी न तो इन गाडिय़ों को पकड़ते हैं और न ही इनपर कोई चालान किया जाता है। मामले को आम लोगों ने सोशल मीडिया पर भी उठाया है।
सरकारी विभाग ही कर रहा उल्लघंन
राजधानी रांची में नियम बनाने वाले ही नियम तोड़ रहे हैं। यहां दर्जनों सरकारी वाहन भी नियम विरुद्ध चल रहे हैं। लेकिन इसे कोई रोकने व टोकने वाला नहीं है। नगर निगम के अलावा पुलिस विभाग, स्वास्थ्य, यातायात, ट्रांसपोर्ट व दूसरे डिपार्टमेंट में भी बगैर नंबर प्लेट की गाडिय़ां नजर आ जाएंगी। रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा अधिकतर गाडिय़ां ऐसी भी हैं जिनका इंश्योरेंस से लेकर पॉल्यूशन तक फेल है। न तो ट्रैफिक और न ही परिवहन विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है। सरकारी विभाग खुद नियमों की धज्जियां उड़ाए तो कार्रवाई नहीं होती। आम नागरिक यदि हेलमेट भी न लगाए तो उसपर भारी भरकम फाइन ठोक दिया जाता है। साथ ही अभद्र व्यवहार भी किया जाता है।
बिना नंबर गाडिय़ों से अवैध काम
शहर में होने वाले अवैध कामों के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों में ज्यादातर नंबर प्लेट नहीं होते हैं। या फिर गलत नंबर लगा होता है। अवैध कोयला बालू तस्करी से लेकर, पशु ढोने, शराब सप्लाई, नशीले पदार्थ की तस्करी से लेकर मर्डर और किडनैपिंग में भी बिना नंबर वाली गाडिय़ों का ही इस्तेमाल हो रहा है। कुछ दिनों पहले एंबुलेंस से कुचल कर एक व्यक्ति की मौत हो गई। एंबुुलेंस में भी नंबर प्लेट नहीं लगा था। इसी तरह बालू की तस्करी में शामिल गाडिय़ां जो पकड़ी गई हैं। उनमें भी नंबर प्लेट नहीं था। इसे देखते हुए सीनियर एसपी ने बिना नंबर के चलने वाले वाहनों को जब्त करने का आदेश दिया है। लेकिन सवाल वही है क्या सरकारी गाडिय़ों को भी जब्त किया जाएगा, या अब भी उन्हें देख आंखे बंद करते रहेंगे प्रशासनिक पदाधिकारी।
8 हजार से ज्यादा बिना नंबर गाडिय़ां
राजधानी रांची में अब भी करीब आठ हजार वाहन ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं है या फिर रजिस्ट्रेशन फेल हो चुका है। यहां 15 साल पहले की पुरानी और जर्जर गाडिय़ां भी सड़कों पर दौड़ती हैं। जबकि नियमानुसार 15 साल बाद हर तरह के वाहन का रिरजिस्ट्रेशन जरूरी है। लेकिन इसके लिए गाड़ी का फिट होना भी अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन फेल होने पर गाड़ी जब्त करने और दस हजार रुपए फाइन का प्रावधान है।बगैर नंबर के वाहनों के नंबर को जब्त करने का आदेश दिया गया है। नियम हर किसी के लिए सामान है। सभी को इसका पालन करना अनिवार्य है।
एसके झा, एसएसपी, रांची