-सीबीएसई के 12 वीं के नतीजे जारी होने के बाद 50 स्टूडेंट्स से आई नेक्स्ट ने की बात
RANCHI : आखिर उन्होंने एग्जाम में ऐसा क्या लिखा कि वे टॉपर बन गए? उन्होंने एग्जाम की स्ट्रेटजी कैसे तैयार की? पढ़ाई के दौरान सोशल नेटवर्किग साइट्स का कितना इस्तेमाल किया? टॉपर्स से जुड़ी इन बातों को जानने की इच्छा स्टूडेंट्स के जेहन में जरूर उठती है। खासकर पढ़ाई के दौरान टॉपर्स सोशल नेटवर्किग साइट्स पर कितना समय देते थे, इसे जानने के लिए आई नेक्स्ट ने सीबीएसई के 12वीं के नतीजे आने के स्टूडेंट्स के बीच सर्वे किया। इस सर्वे में जहां मात्र 30 परसेंट टॉपर्स ने सोशल नेटवर्किग साइट्स से जुड़े होने की बात कही, वहीं बाकी 80 परसेंट परसेंट स्टूडेंट्स ने कहा कि उनका फेसबुक अथवा ट्विटर पर अकाउंट है।
टॉपर्स का अकाउंट नहीं
जेवीएम श्यामली की साइंस टॉपर रश्मि सिंह को 97.6 परसेंट मार्क्स आए हैं। उन्होंने सोशल नेटवर्किग साइट्स से जुड़े नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि उनका न तो फेसबुक पर अकाउंट है और न ही ट्विटर पर। 97.4 परसेंट मार्क्स के साथ कॉमर्स की सिटी टॉपर बनी अवनी ने कहा कि उनका सोशल नेटवर्किग साइट पर अकाउंट है, पर वह परीक्षा की तैयारियों के दौैरान डि-एक्टिवेट रही। डीएवी गांधीनगर की साइंस टॉपर विशिष्ठा देव (97 परसेंट) का भी किसी भी सोशल नेटवर्किग साइट पर अकाउंट नहीं है। 97.2 परसेंट मार्क्स के साथ ऑक्सफार्ड स्कूल के टॉपर बने सौरव ने बताया कि उन्होंने 12 की तैयारियों के दौरान सोशल नेटवर्किग साइट्स से तौबा कर लिया था।
रिलैक्स करते थे फील
वैसे स्टूडेंट्स, जिन्हें 90 से 95 परसेंट तक मार्क्स मिले हैं, उनमें से 80 परसेंट ने फेसबुक अथवा ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किग साइट्स पर अकाउंट होने की बात कही। इन्होंने बताया कि एग्जाम प्रिपरेशन के दौैरान वे सोशल नेटवर्किग साइट्स से जुड़े रहे थे। करीब आधे-एक घंटे तक दोस्तों के साथ इन साइट्स पर समय गुजारते थे। इससे पढ़ाई के दौरान कुछ देर के लिए रिलैक्स फील करते थे। जेवीएम श्यामली के स्टूडेंट आनंद प्रकाश ने बताया कि सोशल नेटवर्किग साइट पर कुछ देर रहने से मूड थोड़ा फ्रेश हो जाता था।