RANCHI: अगर आप भी रांची से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों में जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको टिकट के लिए ज्यादा चार्ज देना होगा। यह चार्ज एक दो नहीं, बल्कि 30 परसेंट तक अधिक होगा। वहीं ज्यादा चार्ज देने के बाद भी आपको ट्रेन में न तो कोई सुविधा मिलेगी और न ही खाना। चूंकि रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों को चलाने की परमिशन दे दी है, जिसका किराया सामान्य की तुलना में 30 परसेंट तक अधिक है। ऐसे में यह एक्सट्रा बोझ पैसेंजर्स की जेब पर पड़ने वाला है।
रांची से होकर आधा दर्जन ट्रेनें
रेलवे ने एक-एक कर रांची से होकर आधा दर्जन ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी है। इनमें कुछ ट्रेनें तो रांची से ही खुलेंगी। जबकि कुछ ट्रेनों का ठहराव रांची में दिया गया है, जिससे कि रांची से जाने वाले पैसेंजर्स को बड़ी राहत मिलेगी। चूंकि फेस्टिव सीजन में लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि वे अपने घरों को कैसे जाएंगे। ट्रेनों को चलने से भले ही लोगों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन किराये का बोझ उनकी जेब पर पड़ने वाला है।
पैसेंजर्स एसोसिएशन ने जताई चिंता
झारखंड पैसेंजर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव, क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति, द.पू.रे। के सदस्य प्रेम कटारूका ने रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड और झारखंड सरकार से मांग की है कि आगामी पर्व-त्योहारों को देखते हुए रेल यातायात को सुचारू बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार व व्यापार/अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी यह जरूरी है। जिससे कि आर्थिक तंगी से परेशान झारखंड के लोग दोहन-शोषण मुक्त हो सकें। चुनाव को लेकर सभाएं हो रही हैं, सत्र चल रहे हैं पर रेलवे को छूट नहीं दी गई है। आम नागरिकों के पैरों की बेडि़यों में जकड़न का कौन सा खेल खेला जा रहा है, यह समझ से परे है।
सभी रूट पर सामान्य रूप से चले ट्रेन
प्रेम कटारूका ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े में किसी रूट पर एक दिन, दो दिन रेलवे स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। सामान्य भाड़ा से लगभग 30 परसेंट अधिक रेल भाड़ा वसूलने की मार जनता झेल रही है। आर्थिक मंदी की मार झेल रहे लोगों पर बोझ से परिवार टूट चुका है। उनके साथ अन्याय बंद हो और सामान्य रूप से सभी रूटों पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कराने की मांग उन्होंने की है।