रांची(ब्यूरो)। 2000 के नोट बंद होने की जैसे ही घोषणा हुई, लोग इसे लेकर यहां-वहां भंजाने निकल गए। जिन्होंने भी अपने घर में दो हजार रुपए के नोट जमा करके रखे थे। वे इसे लेकर बाजारों में निकल गए। कोई बैंकों में जमा कराने तो कोई कुछ सामान की खरीदारी कर दो हजार के नोट हटाना चाहता है। ऐसे ही कुछ लोग हैं जो पेट्रोल पंप पर ज्यादा नजर आ रहे हैं। लोग दो-दो हजार के नोट लेकर पंप आ रहे है, और दो सो-तीन सौ का पेट्रोल-डीजल लेकर दो हजार के नोट का छुट्टा कराना चाह रहे हैं। इससे पंप के ओनर्स भी परेशान हैं। पेट्रोल पंप के ओनर्स का कहना है कि जब से दो हजार के नोट बंद होने की घोषणा हुई है। उसी रात से दो हजार के नोट की तादाद बढ़ गई है। लोग बैंक में जमा ना कराकर पेट्रोल-डीजल लेने आ रहे हैं।
बाजार में भी दिखे गुलाबी नोट
यह परेशानी सिर्फ पेट्रोल पंप संचालकों की ही नहीं, बल्कि बाजारों में भी कारोबार करने वाले लोग इससे परेशान हैं। हालांकि बाजार की तुलना में पेट्रोल पंप पर ज्यादा लोग आ रहे हैं। आरबीआई के फैसले के बाद बैंकों में भी 2000 के नोट बदलने का प्रॉसेस शुरू हो गया है। जो लंबे समय से नजर भी नहीं आ रहे थे, वो बाजारों में भी दिखने लगे हैं। सबसे बुरा हाल पेट्रोल पंप वालों का है। पंप संचालकों का कहना है कि कुल कैश का दस प्रतिशत 2000 के नोट में ही आ रहा है। गौरतलब हो कि आरबीआई ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने या अकाउंट में जमा कराने को कहा है। एक बार में 20000 रुपए तक 2000 के नोट एक्सचेंज करा सकते हैं। अकाउंट में जमा करने की कोई लिमिट नहीं है। फिर भी सिटी के बाजारों में डेयरी, किराना, मीट की दुकानों पर लोग थोड़ा-बहुत सामान खरीदने पर दुकानदार को 2 हजार रुपए का नोट दे रहे हैं। सबसे ज्यादा लोग पेट्रोल पंप पर ही आ रहे हैं।
पहले 1-2 परसेंट ही दो हजारी नोट
लोवाडीह स्थित रामभगत हरीप्रसाद पेट्रोल पंप के मैनेजर विपीन पांडे ने बताया कि पहले दो हजार के नोट हमारी कुल दैनिक बिक्री का 1 से 2 प्रतिशत हिस्सा हुआ करता था। लेकिन अब यह बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पंप मालिकों का कहना है कि यह समस्या आरबीआई द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के निर्णय के कारण उत्पन्न हुई है। दो हजार रुपए के नोट बदलने के लिए बैंकों में भले ही 30 सितंबर तक का समय है, लेकिन लोगों में इसे जल्द भुनाने की बेचैनी देखी जा रही है। इसके लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे भी अपना रहे हैं। एटीएम की डिपाजिट मशीन से लेकर दुकानों पर भी लोग दो हजार के नोट लेकर पहुंच रहे हैं।
ऑनलाइन पेमेंट की थमी रफ्तार
बिरसा चौक स्थित इंद्रप्रस्थ पेट्रोल पंप के संचालक शशिभूषण ने बताया कि पहले लोग पेट्रोल भराने के बाद आनलाइन पेमेंट ज्यादा करते थे। इधर तीन दिन से बड़ी संख्या में लोग 200 का भी तेल गाड़ी में डलवाते हैं तो दो हजार का नोट पकड़ा देते हैं। इससे छुट्टे की दिक्कत हो जाती है। दो हजार का नोट लेने से मना करने पर बहस करने लगते हैं। हर दिन ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। कर्मचारियों और तेल लेने वाले ग्राहकों के बीच बार-बार तू तू मैं मैं हो रही है। पूरे दिन लोगों को समझा-समझाकर थक गए हैं। इस विषय पर सभी पेट्रोल पंप के संचालकों ने मीटिंग करने का निर्णय लिया है।यह तो सही है कि आरबीआई के आदेश के बाद दो हजार के नोट का फ्लो बढ़ गया है। जिस कारण पंप पर छोटे नोटों की किल्लत शुरू हो गई है। आम नागरिकों से अपील है कि वे दो हजार के नोट बैंक में जमा कराएं, हर पंप की अपनी क्षमता है।
-राजहंस मिश्रा, अध्यक्ष पेट्रोल-डीजल पंप ओनर्स एसोसिएशन