रांची(ब्यूरो)। 12 लाख की बस और आमदनी सिर्फ 250 रुपए! जी हां, राजधानी रांची में चलने वाली सिटी बस की बात ही निराली है। हर दिन हजारों रुपए कमाने वाली सिटी बस रांची नगर निगम को सिर्फ 250 रुपए दे रहा है। बता दें कि राजधानी में परिवहन व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए रांची नगर निगम शहर में 40 सिटी बसें चलवा रहा है। लेकिन इन बसों के संचालन से नगर निगम को प्रतिदिन प्रति बस 250 से 275 रुपए की ही आमदनी हो रही है। जबकि 30 सीटों वाली इस बस की खरीदारी रांची नगर निगम ने 12 लख रुपए में की थी। वहीं, सिटी में करीब 2 लाख के इलेक्ट्रिक टोटो वाले हर दिन 800-1000 रुपए की कमाई कर रहे हैं। यानी सिटी बसों के कारण नगर निगम को नुकसान हो रहा है।
दो तरह की सिटी बसें
राजधानी रांची में 30 सीटों की क्षमता वाली 40 बसें चल रही हैं। इनमें 14 सफेद कलर वाली पुरानी बसें हैं, वहीं 26 नई बसें हैं। सफेद कलर वाली बस से निगम को प्रति बस 250 रुपए ठेकेदार देता है। वहीं, लाल रंग की बस से निगम को 275 रुपए प्रति हर दिन मिलता है। बता दें कि रांची नगर निगम द्वारा सिटी बसों के परिचालन का जिम्मा नेजार अंसारी को दिया गया है।
244 बसे चलाने की तैयारी
राजधानी रांची में 244 नई सिटी बसें चलाने की तैयारी की जा रही है। रांची नगर निगम पीपीपी मोड पर इन बसों का परिचालन करवाएगा। डीपीआर तैयार है। टेंडर भी अंतिम स्टेज पर है। नगर निगम इसी महीने बसों के परिचालन के लिए कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर निकाल सकता है। इसके बाद चयनित कंपनी बसें खरीदकर उसे विभिन्न रूटों पर चलाएगी। नई खरीदी जाने वाली सभी बसें (25-30 की सीटिंग कैपासिटी वाली) मिनी बसें होंगी।
रूट निर्धारित किए गए
बसों के परिचालन के लिए 13 रूट निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए रांची नगर निगम क्षेत्र में 200 बस स्टॉपेज बनेंगे और पुराने बस स्टॉप अपग्रेड किए जाएंगे। हर बस रोज 174 किमी की दूरी तय करेगी। 244 में से 220 नॉन एसी डीजल बसें होंगी, जबकि 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें होंगी। शुरुआत में करीब 200 बसों का परिचालन शुरू हो सकता है, बाकी की बसें रिजर्व रखी जाएंगी।
पीपीपी मोड पर चलेंगी बसें
रांची नगर निगम क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और निजी वाहनों का दबाव कम करने के लिए यह बसें चलाएगा। इसके अलावा रांची आसपास के 40 किलोमीटर क्षेत्र के शहर-गांवों तक भी ये बसें जाएंगी। बसों की खरीद और इसके परिचालन में करीब 605 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीपीपी मोड पर बसों के परिचालन के लिए 3 पक्ष होंगे। रांची नगर निगम रूट तय करेगा और ऑपरेटरों को मिलने वाली राशि उपलब्ध कराएगा। ऑपरेटर-1 बसों का परिचालन करेगा और ड्राइवर मुहैया कराएगा, जबकि ऑपरेटर-2 का काम तकनीकी सुविधाएं देना होगा।
बसों का किराया यात्रियों को देगा राहत
नई सिटी बसों का परिचालन शुरू होने से यात्रियों की जेब पर बोझ कम होगा। कई रुट पर ऑटो और ई-रिक्शा यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूलते हैं, जबकि सिटी बसों का किराया काफी कम तय किया जाएगा। 2 किलोमीटर तक का किराया 5 रुपए, 2 से 5 किलोमीटर तक 10 रुपए, 5 से 10 किलोमीटर के लिए 15 रुपए और 10 किलोमीटर से अधिक होने पर यात्रियों को 20 रुपए किराया देना होगा। प्रत्येक दो वर्षों में 11 प्रतिशत किराया बढ़ाया भी जाएगा।
पहले भी 250 बसों का था प्लान, चल रहीं सिर्फ 40
रांची नगर निगम को पहले भी करीब 250 बसें मिल चुकी हैं, लेकिन राजधानी में सिटी बस लोकप्रिय नहीं हो पाई। तंग सड़कें और भारी जाम के अलावा बस ऑपरेटरों की मनमानी के कारण भी लोग सिटी बसों को नजरअंदाज करते हैं। वहीं नगर निगम भी बसों की सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं कर पाया। इस वजह से अधिकतर बसें खराब हो गईं। 2005 में नगर निगम को 51 सिटी बसें मिली थीं। इनमें से 20 ही सड़क पर उतर पाईं, 31 बसें नगर निगम के स्टोर में रखी-रखी कबाड़ हो गईं। वहीं 2009 में भी 200 सिटी बसें खरीदी गई थीं, इनमें से 160 कबाड़ हो गईं। सिर्फ 40 बसें ही चल रही हैं।
रिंग रोड तक चलेगी बस
नई सिटी बसें चलने से शहर से गांव तक की आबादी जुड़ जाएगी। क्योंकि, सभी सिटी बसों का परिचालन शहर से रिंग रोड तक होगा। कांके के दुबलिया में प्रस्तावित इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) और कांटाटोली बस स्टैंड के बीच सिटी बसों का परिचालन होगा। इसके अलावा ओरमांझी, अनगड़ा, नामकुम, तुपुदाना, दलादली, नगड़ी, रातू रिंग रोड तक सिटी बसें चलेंगी। सुबह से रात 10 बजे तक लोगों को बस की सुविधा मिलेगी, ताकि आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो। सभी रूट में स्टॉपेज बनाए जाएंगे। बसें इन्हीं स्टॉपेज पर रुकेंगी।
इसलिए चलेंगी बसें
रांची के कंप्रीहेंसिव मोबिलिटी प्लान के सर्वे के मुताबिक, मात्र 25 फीसदी लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, ये दो तिहाई सड़क घेर लेते हैं। पांच सीटर कार में अधिकतर समय एक व्यक्ति ही सफर करता है। सिटी बस चलने से सिंगल यूज कार का सफर 50 प्रतिशत तक कम होगा। शहर में अवैध रूप से चल रहे 10 हजार से अधिक ऑटो और 2 हजार से अधिक ई रिक्शा का बोझ कम होगा। इससे सड़कें जाम मुक्त होंगी।रांची में जो सिटी बसें वर्तमान में चल रही हैं, वो पुरानी हैं। अभी कांट्रैक्टर द्वारा कम किराया दिया जा रहा है, लेकिन फिर से इसका टेंडर करने की तैयारी है, जो अधिक किराया देगा उसे सिटी बस चलाने की जिम्मेदारी दे दी जाएगी।
-ज्योति कुमार, सहायक प्रशासक, रांची नगर निगम