रांची(ब्यूरो)। नवंबर 2017 से लोगों को इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने वाली 108 एंबुलेंस सेवा का नवंबर में पांच साल पूरा हो रहा है। इन पांच सालों में राज्य के अलग-अलग जिलों के करीब आठ लाख लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके संचालन के लिए नई एजेंसी के चयन का काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में जिग्त्सिा केयर इसका संचालन कर रही है। वर्तमान में इस सेवा से 1500 लोगों को रोजगार मिल रहा है। अब कर्मियों को डर सता रहा है कि कौन नई एजेंसी आएगी और कैसे काम करेगी।
पुरानी हो गई हैं गाडिय़ां
एंबुलेंस पांच साल पुरानी हो गई है। कई बार गाडिय़ों को धक्का मारते भी देखा जाता है। 108 एंबुलेंस की जिम्मेदारी लेनेवाले जिग्त्सिा के संचालक ने बताया कि 108 एंबुलेंस में कई कंपनियों की गाड़ी खरीदनी पड़ती है। जिस एंबुलेंस में तकनीकी खराबी आती है उसे संबंधित कंपनी के वर्कशॉप में भेजकर तुरंत ही ठीक करवाया जाता है। 108 एंबुलेंस सर्विस राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं। आंकड़ों को देखें अब तक कुल आठ लाख मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम किया गया है। कोरोना काल के दौरान भी 108 एंबुलेंस का अहम योगदान रहा। इस दौरान 39439 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया।
एंबुलेंस की संख्या सीमित
206 नई एंबुलेंस खरीदने की तैयारी विभाग ने कर ली है। कई नई गाडिय़ों के आने की शुरुआत भी हो गई है। झारखंड में 108 एंबुलेंस को संचालित करने वाले जिगित्सा कंपनी के अधिकारियों की मानें तो राज्य के विभिन्न जिलों में एंबुलेंस की संख्या सीमित है। ऐसे में सभी मरीजों तो तत्काल सेवा मुहैया कराने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
रांची में है कॉल सेंटर
कंपनी द्वारा रांची में एक केंद्रीयकृत कॉल सेंटर बनाया गया है, जहां से पूरे प्रदेश से आने वाले कॉल को मैनेज किया जाता है। घटनास्थल के निकटतम एंबुलेंस को मौके पर भेजा जाता है। कंपनी का यह कॉल सेंटर और प्रत्येक एंबुलेंस विश्वस्तरीय तकनीक व सुविधाओं से लैस है। यह निशुल्क सेवा प्रदेश के लोगों को सही से मिल सके इसलिए पूरे राज्य में 337 एंबुलेंस तैनात किए गए हैैं। इनमें से 40 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस और 287 साधारण एंबुलेंस हैं। 10 एंबुलेंस प्रदेश में हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। 108 ईएमआरएस एंबुलेंस सुविधा एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर है जिस पर दुर्घटना के समय या गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए 24 घंटे कॉल किया जा सकता है।2017 से जिगित्सा केयर झारखंड में एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रहा है। लोगों को इसका लाभ भी मिला है। नवंबर में हमारा कार्यकाल पूरा हो रहा है।
-मिल्टन सिंह, मैनेजर, जिगित्सा केयर, रांची