हमें भी बनना है लीडर
हमने यूथ से पूछा कि वे किसी फिल्ड में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। हमेशा की तरह सिर्फ आईटी, मैनेजमेंट और सिविल सर्विसेज ही उनका जवाब नहीं था। उन्होंने अपनी पहली पसंद पॉलिटिक्स बताकर यह साबित कर दिया कि आने वाले कुछ सालों में कंट्री और स्टेट को यंग लीडर और उनके विजन से रू-ब-रू होने का मौका मिल सकता है। 35 परसेंट यूथ ने पॉलिटिक्स को पहली पसंद बताया। 25 परसेंट के साथ दूसरे नंबर पर रहा आईटी सेक्टर। मैनेजमेंट को 20 परसेंट ने पहला स्थान दिया, 15 परसेंट ने मेडिकल को और सिर्फ 5 परसेंट ने बिजनेस को अपनी प्रायोरिटी में टॉप पर रखा।
स्ट्रांग डिसीजन लेने वाला लीडर आए तो स्थिति में होगी सुधार
कंट्री में डेवलपमेंट का चलता रहे। वल्र्ड में कंट्री की धाक कैसे जमेगी। कैसे वल्र्ड के ताकतवर देश इंडिया की तरफ इज्जत से देखें। कंट्री का ओवरऑल डेवलपमेंट कैसे हो? इसपर भी यूथ ने अपनी बात रखी। 40 परसेंट यूथ ने इसके लिए स्ट्रांग डिसीजन लेने वाले लीडर की जरूरत बताई। 25 परसेंट ने करप्शन पर लगाम लगाने की बात कही। 20 परसेंट ने हायर एजुकेशन में सुधार को जरूरी बताया तो 15 परसेंट ने सोसायटी में महिलाओं सम्मान देने की बात की।
पहली बार 1985 में सेलिब्रेट हुआ था यूथ डे
1984 में गवर्नमेंट ने डिसाइड किया कि स्वामीजी की जयंती ‘नेशनल यूथ डे’ के रूप में सेलिब्रेट किया जाएगा और 12 जनवरी 1985 को पहली बार पूरी कंट्री में नेशनल यूथ डे के रूप में सेलिब्रेट किया गया। स्वामी विवेकानंद की फिलॉसफी को यूथ के लिए इंस्पीरेशन मानते हुए गवर्नमेंट ने ऐसा डिसीजन लिया था।
हम करप्शन रोकने की बात करें या एजुकेशन सिस्टम में सुधार की। इसके लिए पॉलिटिकल पावर होना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि नई और सही सोच वाले यूथ पॉलिटिक्स ज्वॉइन करें।
- बबलू
पहले के मुकाबले आज के लोग ज्यादा अवेयर हुए हैं। उन्हें अपने अधिकार पता हैं और वे गलत सही को अच्छी तरह से पहचान सकते हैं। उन्हें बस एक सही डायरेक्शन मिलने की जरूरत है जो यूथ कर सकता है।
- सूरज
समय के साथ ही हमारी सोच भी बदली है। अब हमें लगने लगा है कि पॉलिटिक्स ज्वॉइन कर काफी कुछ किया जा सकता है। लोगों को काम करने वाला लीडर चाहिए। यूथ काफी तेजी से पॉलिटिक्स की तरफ अटै्रक्ट हो रहे हैं।
- नीरज पांडे
किसी भी सोसायटी का डेवलपमेंट तभी हो सकता है जब वहां महिलाओं की इज्जत हो। आज कंट्री में महिलाएं खुद को सेफ नहीं मान रहीं। ऐसी स्थिति से जल्दी ही बाहर निकलना होगा।
- नेहा
पॉलिटिक्स में आ चुकी गंदगी को साफ करने के लिए हमें उसके अंदर जाना होगा। बाहर से सिर्फ बोलने से कुछ नहीं होने वाला। इस बात की खुशी है कि हमारे जैसे यूथ पॉलिटिक्स ज्वॉइन करने लगे हैं।
- सियाराम
यूथ में बहुत पावर है। हमारी कंट्री में तो यूथ की संख्या सबसे ज्यादा है। अब समय आ गया है कि हम अपनी शक्ति को पहचानें और गलत विरोध और सही का साथ विश्वास के साथ करें।
- नसरीन
हायर एजुकेशन सिस्टम में सुधार करना बहुत जरूरी है। कंट्री के डेवलपमेंट के लिए यह बहुत जरूरी है। इतनी बड़ी कंट्री होने के बाद भी वल्र्ड क्लास की यूनिवर्सिटी यहां नहीं होना
दुखद है।
- रोहित
Report by :amit.choudhary@inext.co.in