जमशेदपुर : आदिवासी छात्र एकता केंद्रीय कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। इसमें पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे हजारों लोग शामिल हुए। आयोजन में आदिवासी कला व संस्कृति की खुशबू से चारों ओ बिखरी। आदिवासी युवाओं व युवतियों ने हो, मुंडा, संथाली, उरांव आदि जनजातीय लोकनृत्य पेश कर अपनी माटी की खुशबू का अहसास कराया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वालों में डोगोर टुडू, दिनेश देवा, सुरेंद्र टुडू व शालिनी मुर्मू आदि शामिल थे। मुख्य वक्ता जोसाई मार्डी ने विस्थापन, पलायन, भाषा, कला व संस्कृति, धर्म-दस्तूर, आदिवासी एकता, आदिवासियों की वर्तमान स्थिति, वनाधिकार, पेशा कानून, सीएनटी, एसपीटी एक्ट, भूमि अधिग्रहण, शिक्षा एवं राजनीतिक-सामाजिक जागरूकता जैसे ज्वलंत मुद्दों पर प्रकाश डाला और सबको जागरूक होकर समन्वय स्थापित करने की अपील की। स्वागत भाषण स्वपन सरदार ने दिया तो मंच संचालन हेमेंद्र हांसद व इंद्र हेंब्रम ने किया। आयोजन में सालमन मुर्मू, चांदराय मार्डी, नंदलाल सरदार, प्रभाकर हांसदा, राज बांकिरा, सिकंदर किस्कू, लालमोहन जामुदा, लक्ष्मी पाड़ेया, विजय किस्कू, अर्जुन सोरेन, सुजीत टुडू आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।
डीसी के जरिए राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
आदिवासी छात्र एकता ने उपायुक्त को जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इसमें सरना कोड, आदिवासी दिवस पर अवकाश, देश के तमाम राज्यों के आदिवासी क्षेत्र को पांचवीं अनुसूची में डालने, पलायन रोकने, वनाधिकार अधिनियम की आड़ में आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने पर रोक लगाने आदि की मांग की।
राजकीय अवकाश की मांग
झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में विश्व आदिवासी दिवस पर सरकारी की ओर से विशेष महत्व नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दिन राजकीय अवकाश घोषित करने के साथ ही सारना धर्म कॉलम लागू करने व आदिवासी भाषा-संस्कृति व कला-परंपरा को संरक्षित करना चाहिए। यह बात आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो ने कही। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बिष्टुपुर स्थित निर्मल गेस्ट हाउस में आहूत प्रदेश स्तरीय विचार संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष से जिला स्तर पर विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा। संगोष्ठी को महादेव डुंगरिआर, दीपक पुनरिआर, अरविंद महतो, संतोष महतो, योगेश्वर महतो, प्रकाश महतो, सचिन महतो, तपन महतो, वीणापाणि महतो, पद्मलोचन महतो, भक्ति महतो आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर करम और बिहा से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में स्वागत भाषण सुनील महतो ने दिया, जबकि संचालन जिलाध्यक्ष जयराम महतो किया। मौके पर चंद्रमोहन महतो, सुभाष महतो, पशुपति महतो, दीपक महतो, सुधांशु महतो, श्रीपति महतो, बासु महतो समेत कई लोग शामिल थे।