JAMSHEDPUR: लौहनगरी में सब्जियों की कीमतें बढ़ने से यह लोगों की थालियों से गायब हो रही हैं। खुदरा बाजार में सब्जी के दामों में 10 से 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि होने से लोग आधा किलो और पाव भर से ही काम चला रहे हैं। टमाटर, गोंभी, करेला व शिमला मिर्च के दाम तो सातवें आसमान पर हैं। सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण लगातार हो रही बारिश माना जा रहा है। सब्जी विक्रेताओं का मानना है कि बारिश नहीं रुकी तो सब्जियों के दाम में और भी इजाफा हो सकता है। अगले महीने से हरी सब्जियों के दाम में कुछ गिरावट आ सकती है।
कम आ रहीं सब्जियां
व्यापारियों ने बताया कि दूसरे राज्यों में बारिश होने की वजह से शहर में सब्जियों की सप्लाई नहीं हो पा रही हैं। वहीं, पटमदा समेत शहर के आसपास से आनेवाली सब्जी विक्रेता भी कम आ रहे हैं। साकची स्थित सब्जी मंडी में इस समय ग्राहक व व्यापारी दोनों ही परेशान हैं। दो हफ्ते पहले जो भिंडी 12 से 15 रुपए किलो बिक रही थी, जो अब बढ़कर 20 से 25 रुपए किलो हो गई है।
मंडी के रेट
(कीमत प्रति किलो रुपए में)
पटल 20 से 25
बीन्स 45 से 50
शिमला 56 से 55
खीरा 40 से 45
भिंडी 20 से 30
टमाटर 30 से 40
फोलगोभी 30 से 40
बैगन 15 से 20
करेला 20 से 30
मिर्चा 60 से 70
बंदगोभी 40 से 50
केला 350 सैकड़ा
रिटेल रेट
(कीमत प्रति किलो रुपए में)
आलू 20 से 25
प्याज 24 से 30
पटल 25 से 30
बीन्स 80-100
शिमला 80-90
खीरा 60-80
भिंडी 25 से 30
टमाटर 40 से 50
फूलगोभी 50 से 60
बैगन 30 से 40
करेला 40 से 50
मिर्चा 80-100
बंदगोभी 55 से 60
केला 8 रुपए पीस
इस बार की सब्जी की आसमान छू रही है, पहले जो एक किलो लेते थे तो अब आधा किलो ही लेना पड़ रहा है। सब्जी का दाम बढ़ने से बजट गड़बड़ हो गया है।
पार्वती देवी गोलमुरी
कई राज्यों में भारी बारिश का असर शहर की बाजार में दिख रहा है। पहले पांच सौ रुपये की सब्जी में एक सप्ताह का काम चल जाता था लेकिन अब उतनी सब्जी लेने के लिए आठ सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। हरी सब्जियां हर घर की जरूरत है, लेकिन इनके बढ़े दामों से आम आदमी की कमर टूट गई है।
विकास कुमार साव, थोक विक्रेता
आम तौर से हर बारिश के सीजन में सब्जियों में कमी के कारण दाम में वृद्धि हो जाती है। लेकिन इस बार जुलाई में बारिश न होने से दामों में कुछ कमी दिखी थी। अगस्त में बारिश होने के साथ ही रेट में वृद्धि हो गई। सब्जी के रेट बढ़ने से हमलोग दाल का सेवन ज्यादा कर रहे हैं।
नेहा जायसवाल, गोलमुरी
सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। सब्जियों के दाम को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन को विपणन की व्यवस्था करनी चाहिये, सरकार का अधिकार न होने से सब्जी विक्रेता किसानो से सस्ती सब्जी लेकर मंहगे दाम पर बेंच रहे है।
रिता देवी, साकची