JAMSHEDPUR : टाटा मोटर्स की गाड़ी पटरी पर लौट गई है। इसका उत्पादन फिर रफ्तार पकड़ लिया है। लॉकडाउन को लेकर करीब पांच माह से ज्यादा काम से बैठाए गए सभी अस्थायी कर्मियों की वापसी हो गई है। पिछले दो माह के अंदर कंपनी के सभी अस्थायी कर्मियों को वरीयता क्रमानुसार काम पर बुला लिया गया है। पहले इन अस्थायी कर्मियों को रोटेशन के आधार पर काम दिया गया। और जब कंपनी का उत्पादन बढ़ा है तो सभी की वापसी हो गई है। यहां करीब 3500 अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं। वहीं लॉकडाउन में जिन-जिन डिवीजनों के ठेका मजदूरों को काम से बैठाया गया था। उन्हें भी काम मिलने लगे हैं। कंपनी में पहले के आधार पर 80 फीसद से ज्यादा ठेका मजदूर काम पर बुलाए गए हैं। लॉकडाउन की वजह से इनकी रोजी-रोटी छिन गई है, अब इनके घर भी खुशिया लौटने लगी है। इन ठेका मजदूरों को भी रोजगार मिलने लगा है।
है खुशी की लहर
कंपनी में जहां एक दिन में 50 वाहन बनते थे, वहीं अब 150 से 200 वाहन बनाए जा रहे हैं। प्रतिदिन 150 के करीब गाडि़यों की बु¨कग भी हो रही है। इसे लेकर टाटा मोटर्स कान्वाई चालकों के बीच भी खुशी है। लॉकडाउन की वजह से गाडि़यों की बु¨कग बहुत कम होती थी। यह संख्या 10-15 तक पहुंच गई थी। दूर-दराज स्थानों के लिए गाडि़यों की बु¨कग नहीं होती थी, लेकिन अब लोकल के अलावे ज्यादा दूरी की गाडि़यों की बु¨कग होने लगी है। इससे चालकों को काम मिलने लगा है। कंपनी में 975 सूचीवद्ध कान्वाई ड्राईवर हैं, जबकि इनके अलावे प्राईवेट भी करीब 500 से ज्यादा चालक होंगे, जो कान्वाई का काम करते हैं, अब इन्हें भी काम मिलने लगा है।