छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: राउरकेला से लगभग 30 किलोमीटर दूर हावड़ा-मुंबई रेल लाइन पर भालुलता-जराइकेला के बीच महिपानी में बुधवार की रात लगभग एक से डेढ़ बजे के बीच पार्सल ट्रेन की टक्कर से एक नर और एक मादा हाथी की मौत हो गई। हादसे में पार्सल ट्रेन की दो बोगियां पटरी से उतर गईं। इससे सात घंटे तक यातायात ठप रहा। एक्सीडेंट के बाद रेलकर्मियों और वन विभाग में तनातनी हो गई। मनोहरपुर रेलवे स्टेशन पर रेलकर्मियों एवं वन विभाग के अधिकारियों के बीच हाथापाई तथा खींचतान हुई। वनकर्मी चालक को पकड़ना चाहते थे। आरपीएफ ने वनकर्मियों को रोका। स्थिति को किसी तरह अधिकारियों ने संभाला।

बुधवार रात की घटना

बुधवार की रात ट्रेन हावड़ा-मुंबई रेलवे लाइन पर नासिक से शालीमार जा रही थी। ट्रेन महिपानी इलाके के रेलवे फाटक से गुजर कर कुछ ही दूर पहुंची थी कि ट्रैक पर छह हाथियों का झुंड आ गया। एक नर हाथी टक्कर के बाद वहीं गिर गया जबकि एक मादा हाथी को ट्रेन घसीटते हुए 600 फीट दूर ले गई। मृत नर हाथी 15 वर्ष का था जबकि मादा पांच वर्ष की। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वन विभाग ने पोस्टमार्टम किया।

दो हिस्सों में बंटा था झुंड

राउरकेला स्थित महिपानी अंचल में कुछ दिनों से हाथियों का झुंड जमा हुआ था। झुंड में 15 हाथी थे। इन्हें ओडिशा से झारखंड की ओर खदेड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगी हुई थी। घटना के समय भी वन विभाग की टीम पास में ही थी। हाथियों के खदेड़ने के क्रम में नौ व छह की संख्या में झुंड दो भाग में बट गया था। नौ की संख्या वाले झुंड पर वन विभाग नजर रखे हुए था। जबकि छह की संख्या वाला गुट कब रेलवे लाइन की ओर चला गया, इसकी जानकारी वन विभाग को नहीं हो पाई थी।

दर्ज होगा मामला :एसीएफ

पानपोष सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) दिलीप कुमार साहू ने कहा कि इस घटना को लेकर ट्रेन के चालक पर मामला दर्ज किया जाएगा। जिस जगह दुर्घटना हुई, वह हाथियों की कॉरिडोर है। यहां ट्रेन की स्पीड 20 से 30 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए थी। लेकिन रेल विभाग यहां उक्त स्पीड को मेनटेन नहीं कर रहा है। घटना के समय भी ट्रेन तीन गुना अधिक स्पीड में थी। हाथी ट्रेन लाइन की ओर न आए इसके लिए रेलवे को यहां पर कंटीले तार लगाने चाहिए थे। लेकिन कहीं पर भी रेलवे ने तार नहीं लगाया है।

नार्मल से कम थी स्पीड : सीनियर डीसीएम

चक्रधरपुर के सीनियर डीसीएम मनीष पाठक ने कहा कि घटना स्थल पर ट्रेन अपनी नार्मल स्पीड से कम थी। यहां पर ट्रेन अमूमन 110 के स्पीड पर चलती है, लेकिन घटना के समय ट्रेन 80 के स्पीड पर थी। हाथी को लाइन पार करता देख चालक ने एमरजेंसी ब्रेक लगाया था। लेकिन ट्रेन 300 मीटर दूर जाकर रुकी। घटना की जानकारी के बाद रीलिफ ट्रेन सुबह चार बजे घटनास्थल पहुंची तथा सुबह 7.10 बजे तक रूट को क्लियर कर लिया गया था। इसके बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य हुआ।