JAMSHEDPUR: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में आए दिन कोविड मरीजों की खोज-खबर लेने के लिए परिजन हंगामा करते हैं। इसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने 24 घंटे का कॉल सेंटर शुरू किया है। इसके 0657-6641306 पर फोन करने पर परिजनों को उनके मरीज की पूरी जानकारी मिलेगी।
पूर्वी सिंहभूम जिले में टाटा मेन हॉस्पिटल को ही कोविड सेंटर बनाया गया है। जहां जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज होता है। लेकिन परिजनों की शिकायत रहती है कि वे दिन भर अस्पताल के बाहर या इमरजेंसी के सामने बैठे रहते हैं लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती अपने मरीज के विषय पर कोई जानकारी नहीं मिलती है। इसके कारण कई बार अस्पताल में हंगामा हो चुका है। इसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने 24 घंटे का कॉल सेंटर शुरू किया है। जहां मरीज से संबधित सभी जानकारियां उनके परिजन प्राप्त कर सकते हैं।
अटेंडर रखने पर है रोक
टीएमएच के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को अपने साथ अटेंडर रखने पर रोक है। क्योंकि वायरस के संक्रमण से वे भी प्रभावित हो सकते हैं। पहले वार्ड के बाहर लगे डिस्प्ले में मरीजों की जानकारी उनके परिजनों मिलती थी लेकिन वो सुविधा भी बंद है। जिन कोरोना मरीजों के पास अपना मोबाइल फोन है, वे अपने घरवालों से आसानी से बात कर लेते हैं लेकिन जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है वे टीएमएच की इमरजेंसी में फोन कर अपने मरीजों का हालचाल पूछते हें लेकिन कई बार उन्हें या तो पूरी जानकारी नहीं मिलती है या फिर उक्त नंबर व्यस्त रहता है। जिसके कारण मरीजों के परिजन परेशान रहते हैं।
एमजीएम के एक डॉक्टर सहित पांच लैब टेक्नीशियन पॉजिटिव
कोरोना एक व्यक्ति में दोबारा भी हो रहा है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक डॉक्टर की रिपोर्ट दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव आई है। दरअसल, पूर्व में उस डॉक्टर का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद निर्धारित समय पर कोरोना की जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसे देखते हुए उन्हें अस्पताल से छुट्टी कर दिया गया। बाद में 16 दिन के बाद दोबारा फिर उनकी जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें फिर से एमजीएम के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। इसके अलावे मंगलवार को एमजीएम के पांच लैब टेक्नीशियन की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इसमें ब्लड बैंक के दो व पैथोलॉजी विभाग के तीन टेक्नीशियन शामिल हैं। इससे अस्पताल में मरीजों के इलाज पर संकट आ गई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टर, कर्मचारियों की घोर कमी हो गई है। मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो गया है। अगर जल्द ही कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई तो स्थिति भयावह हो जाएगी।