JAMSHEDPUR: टाटा स्टील में संचालित सभी कैंटीन में नाश्ता व खाना के लिए आने वाले कर्मचारी शारीरिक दूरी का पालन करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि कर्मचारी एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना खाना खा पाए। साथ ही खाने की हाइजीन व सफाई का विशेष ख्याल रखे।
टाटा स्टील व टाटा वर्कर्स यूनियन की संयुक्त कमेटी, एपेक्स सेफ्टी काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए कंपनी के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने ये बातें कहीं। लॉकडाउन के बाद टाटा स्टील में सेफ्टी की सबसे बड़ी इस कमेटी की बैठक हुई। इस दौरान एमडी ने टाटा स्टील जमशेदपुर, कलिंगनगर, रॉ मेटेरियल, टाटा स्टील बीएसएल और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट में कोविड 19 को लेकर किए जा रहे सेफ्टी कार्यो की समीक्षा की।
दो सुझाव दिए
बैठक में टाटा वर्कर्स यूनियन ने दो सुझाव दिए। पहला, शहर में बढ़ते पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए सभी विभागों में होने वाले सैनेटाइजेशन की संख्या को बढ़ाया जाए और दूसरा होम क्वारंटाइन में रहने वाले कई ऐसे मरीज हैं जो लकवा ग्रस्त या दिल संबंधी बीमारी से पीडि़त है। कई छोटे बच्चे भी हैं जिन्हें जांच के लिए टीएमएच जाना पड़ रहा है। इन्हें घर पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध कराया जाए। वहीं, इस मौके पर एमडी ने बेहतर कार्य के लिए टीएमएच स्टॉफ, सिक्योरिटी व ऑपरेशन से जुड़े सभी कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
टाटा ट्रस्ट कराएगी कोविड-19 की फ्री ट्रेनिंग
उधर, टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप सीएमसी वेल्लूर और केयर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइसेंस हैदराबाद द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के व्यावसायिकों को कोविड 19 का निश्शुल्क प्रशिक्षण कराएगी। टाटा ट्रस्ट का मानना है कि कोविड 19 के इलाज के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, नर्स व पैरामेडिकल कर्मचारियों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में दोनो संस्थानों की मदद से क्रिटिकल केयर प्रबंधन में एयर वे मैनेजमेंट, वैंटिलेशन मैनेजमेंट, क्रिटिकल केयर कौशल के विषय पर जानकारी दी जाएगी। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा था कि मानव जाति के कोविड 19 के रूप में सबसे कठिन चुनौती है। इससे लड़ने के लिए आपातकालीन संसाधनों को तैनात करने की आवश्यकता है। इस सोच के अनुसार ही टाटा ट्रस्ट ने यह कदम उठाया है।