BAHARAGODA: आसेका सदस्यों ने बहरागोड़ा की ओर से राजभवन में महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर बहरागोड़ा में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञात हो कि राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने के लिए राजभवन द्वारा बहरागोड़ा को उपयुक्त माना था। कोल्हान यूनिवर्सिटी में जमीन चिन्हित करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन रघुवर सरकार ने बहरागोड़ा बदले गुमला उपयुक्त माना। इसके चलते मामला लटक गया। ग्रामप्रधान और ग्रामीणों द्वारा बहरागोड़ा के 72 एकड़ जमीन का अनापत्ति प्रमाण पत्र राज्यपाल को सौंपा। राज्यपाल ने खुश जाहिर की।
स्टूडेंट्स को होती है परेशानी
आसेका के अध्यक्ष शीलू मंडी ने कहा कि बहरागोड़ा, चाकुलिया में सभी विद्यार्थियों ओलचिकी एवं मुंडारी लिपि की जानकारी है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की विद्यार्थी ऑल चिकिलिपि जानते हैं लेकिन विश्वविद्यालय से देवनागरी लिपि से पढ़ाई होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहरागोड़ा प्रखंड कार्यालय का नाम सरकार के आदेशानुसार अलचिकी लिपि से लिखा हुआ है लेकिन बाकी सरकारी संस्था के पदाधिकारी इसकी महत्व नहीं देते। कोल्हन विश्वविद्यालय में संताली भाषा को टीआरएल से अलग करते हुए स्वत्व संताली विभाग गठन और सभी डिग्री कॉलेज में संताली भाषा की पढ़ाई होती है। कुलपति दारा प्रस्थापित अध्यापक पद सृजन की स्वीकृति प्रदान और नियुक्ति हेतु आवश्यक दिशा पर कार्रवाई करने के लिए राजभवन को दी गई थी। असेका सभी आदिवासी से निवेदन करता है। मकर संक्रांति के बाद जनजातीय विश्वविद्यालय संदर्भ में एक बैठक बुलाई जाएगी। इस अवसर पर शीलू मंडी, शोभनाथ बेसेरा, प्रो। जतिन बेसरा, छोटराय बास्के, श्याम हांसदा, प्रेमचंद मुर्मू उपस्थित थे।