जमशेदपुर (ब्यूरो)। मानगो के उलीडीह थाना क्षेत्र डिमना रोड नीलकंठ अपार्टमेंट में हृदय विदारक घटना में लिफ्ट की गड्ढे में गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हुए 48 वर्षीय शिशिर सिन्हा उर्फ बबलू की रिम्स, रांची में मंगलवार देर रात मौत हो गई। मृतक उलीडीह सुभाष कॉलोनी स्थित शिशिर सर्वोदय पथ के निवासी थे। बुधवार की देर शाम शव का अंतिम संस्कार साकची स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर कर दिया गया। घटना सीसीटीवी में कैद है। रिम्स में ही मृतक के स्वजनों का बयान दर्ज किया गया।
दोस्त से मिलने गए थे
शिशिर नीलकंठ अपार्टमेंट निवासी अपने मित्र ट्रांसपोर्टर राकेश ङ्क्षसह से मिलने गए थे। उनके मित्र का फ्लैट पांचवें तल्ले में है। अचानक बिजली चली जाने से दोपहर 12.20 बजे लिफ्ट चौथी मंजिल पर अटक गई। काफी देर तक जब बिजली नहीं आई तो शिशिर अपने मित्र से फोन पर संपर्क किया। सूचना पर मित्र राकेश चौथी मंजिल पर पहुंचे। मित्र के सहयोग से शिशिर ने लिफ्ट का दरवाजा खोल चौथे मंजिल में कूदकर बरामदे मेंं उतरने का प्रयास किया, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। वह बरामदे के बजाएं सीधे लिफ्ट के बने गड्ढे में गिर गए। सिर में गंभीर चोट लगी। घटना से अफरा-तफरी मच गई। राकेश ने फ्लैट के लोगों को मामले की जानकारी दी। किसी तरह गड्ढे से निकालकर उन्हें टाटा मुख्य अस्पताल लेकर गए।
दो बजे रात में पहुंचे रिम्स
वहां वेंटीलेटर उपलब्ध नहीं होने के कारण तामोलिया ब्रह्मानंद अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां भी बेड नहीं मिलने पर वापस मानगो स्थित उमा अस्पताल लेकर सभी आए। जहां डाक्टरों ने रात 10.30 बजे सीधे रिम्स ले जाने की सलाह दी, जहां दो बजे रात में पहुंचने पर वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इलाज के लिए अस्पताल का चक्कर काटने में ही 10 घंटे बीत गए। समय पर इलाज नहीं होने के कारण मौत हो गई। भाजपा नेता को मामले की जानकारी मिलने पर विकास ङ्क्षसह मृतक के स्वजनों से मिले। आश्वासन दिया कि स्वजनों को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करना चाहते है तो सभी हर संभव मदद करेंगे।
मुंबई मे पत्नी व बेटा भुवनेश्वर में
शिशिर सिन्हा तीन भाई और एक बहन में सबसे बड़े थे। स्वजन की जिम्मेदारी उन पर ही थी। बेटा शुभम भुवनेश्वर में बीबीए की पढ़ाई कर रहा है। पारिवारिक विवाद के कारण पत्नी नेहा 15 वर्ष से अधिक समय से मुंबई में मायके में रहती है। नौकरी करती है। पिता की मौत की जानकारी पर बुधवार सुबह शुभम भुवनेश्वर से उलीडीह सुभाष कालोनी अपने आवास पर पहुंचा। स्वजन रिम्स गए। पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर मानगो आवास पहुंचे। देर शाम शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शिशिर सिन्हा की दो हाइवा है जो किराए पर चलती है। उनका दूसरा भाई सतीश सिन्हा व्यवसाय में मदद करता था। तीसरा भाई शैलेश सिन्हा ङ्क्षहदुस्तान लीवर में मुंबई में कार्यरत है। मौत मामले में स्वजनों ने किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की है। मुखाग्नि शुभम ने दी।
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