JAMSHEDPUR: एसोसिएट रोड कॅरियर (एआरसी) ट्रांसपोर्ट कंपनी के डिवीजनल मैनेजर विजय कुमार सिंह की 26 नवंबर को ट्रांसपोर्टर ब्रजेश पांडेय ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी ब्रजेश ने रविवार को एमजीएम थाने में अपने अपने जुर्म का इकबाल किया। मालूम हो कि आरोपित तीन दिन की पुलिस रिमांड पर है। आरोपित ब्रजेश ने 28 नवंबर को वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे कार्यालय में आत्मसमर्पण किया था। हत्या मामले में पुलिस ट्रांसपोर्टर के चालक बुधराम बास्के को गिरफ्तार कर 27 नवंबर को जेल भेज चुकी है। बताते चले कि 9 नवंबर को ट्रांसपोर्टर ने विजय सिंह को गोली मारने की धमकी दी थी। आरोपी ने बताया कि उसकी गाड़ी विजय सिंह की ट्रांसपोर्ट कंपनी में चलती थी। 19 नवंबर को विजय सिंह ने उसकी गाड़ी को ट्रांसपोर्ट में चलाने से मना कर दिया। जिसको लेकर उसका विवाद हुआ था। उसी दिन विजय सिंह को गोली मार देने की धमकी दी थी। बताया उसने अपने चालक बुधराम बास्के के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई और घटना को अंजाम दिया।
बुधराम बास्के ने की थी रेकी
ब्रजेश पांडेय ने बताया कि उसके चालक बुधराम बास्के को उसने विजय सिंह की रेकी करने को कहा था। 26 नवंबर की सुबह नौ बजे डिमना चौक आशियाना इंक्लेव स्थित अपने फ्लैट से विजय सिंह एनएच 33 पर भिलाई पहाड़ी स्थिति अपनी कंपनी के दफ्तर जाने के लिए बाइक से निकले। बुधराम बास्के ने मोबाइल फोन से इसकी सूचना उसे फोन पर दी। इसके बाद दिल्ली पब्लिक स्कूल से विजय सिंह का बुलेट मोटरसाइकिल से पीछा करना शुरु किया। मुखियाडांगा के पास रमेश कबाड़ी दुकान के सामने विजय सिंह के नजदीक पहुंचा। एक हाथ से गाड़ी चलाया और दूसरे हाथ से पिस्तौल सटाकर विजय सिहं को गोली मार दी। बुलेट
मोड़ा और पिस्तौल को दोनों जांघ के पीछ रखकर भाग निकला।
स्वर्णरेखा में फेंकी पिस्तौल
वहां से वह सीधे उलीडीह थाना क्षेत्र गंगा मेमोरियल नर्सिग होम के पास पहुंचा। पिस्तौल को कमर में खोस लिया। पार्किग में गाड़ी खड़ी कर दी। वहां से ऑटो पकड़कर मानगो बस स्टैंड गया। रास्ते में मानगो पुल के पास स्वर्णरेखा नदी में पिस्तौल फेंक दिया। बस से रांची गया। वहां से बनारस चला गया। फिर भदोही चला गया। उत्तर प्रदेश और झारखंड पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। ब्रजेश पांडेय ने पुलिस को बताया वह 28 नवंबर को पुलिस से बचने को बनारस के चौका घाट से रामगढ़ आया। वहां से चांडिल थाना के चौका पहुंचा। चौक से वह जमशेदपुर एसएसपी कार्यालय आया। इसके बाद आत्मसमर्पण कर दिया।