JAMSHEDPUR: आदिवासी संगठनों के रेल रोको आंदोलन का सोमवार को ट्रेनों पर व्यापक असर पड़ा। दक्षिण पूर्व रेलवे की कई ट्रेनें जहां-तहां रुकी रहीं, जबकि कई को रद्द करना पड़ा। सरना धर्म व संताली भाषा को संवैधानिक स्वीकृति समेत विभिन्न मांगों को लेकर भारत जकात माझी परगना महल की ओर से मांगों के समर्थन में देर शाम तक बंद समर्थकों के रेल पटरी पर बैठने के कारण ट्रेनों के आवागमन में काफी परेशानी हुई। कई ट्रेनों में पानी खत्म होने और एसी बंद होने से पैसेंजर्स हलकान रहे। टाटानगर स्टेशन के पूछताछ केंद्र, परिचालन विभाग, स्टेशन निदेशक के कार्यालय में भी यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे से परेशान रेलकर्मी कई बार अपने कार्यालय से अंदर बाहर होते रहे। इधर, आंदोलन के कारण दर्जनों ट्रेनों को रद तो कई को रूट परिवर्तन कर चलाया गया। इस कारण ये ट्रेनें विलंब से चलीं।
टाटानगर स्टेशन में रुकी ट्रेन
आदिवासी संगठन के आंदोलन की वजह से अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस सुबह से ही टाटानगर स्टेशन में रुकी रही। घाटशिला, झाड़ग्राम के पास आंदोलनकारी रेल पटरी में बैठे हैं जिसके कारण इस ट्रेन को टाटानगर स्टेशन में ही रोका गया है। ट्रेन संख्या 12262 हावड़ा-शिवाजी महाराज टर्मिनल ट्रेन सुबह नौ बजे से हावड़ा स्टेशन में रुकी रही। इसको दोपहर 2.25 बजे रिशिड्यूल करने के बाद हावड़ा में ही खड़ी रही। वहीं ट्रेन संख्या 22857 संतरागाछी आनंद बिहार एक्सप्रेस को भी सुबह 8.55 बजे की बजाय दो बजे रिशिडयूल किया गया लेकिन यह भी अपने स्थान पर खड़ी रही। इस्पात एक्सप्रेस खड़गपुर में रुकी रही। हावड़ा बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस हावड़ा से सुबह 6.20 में खुली जिसे खड़गपुर में ही रोक दिया गया। स्टील एक्सप्रेस को सुबह सात बजे घाटशिला स्टेशन पर रोका गया। हालांकि इसे वहां से आगे बढ़ाया गया लेकिन यह झाड़ग्राम स्टेशन से आगे नहीं जा सकी। वहीं हावड़ा से टाटानगर आने वाली स्टील एक्सप्रेस का परिचालन सोमवार को रद कर दिया गया। वहीं नीलांचल एक्सप्रेस दोपहर दो बजे से गंडा बिहार स्टेशन पर देर शाम तक खड़ी रही।
स्टील एक्सप्रेस को बनाया पैसेंजर
टाटानगर स्टेशन से सोमवार की सुबह खुली स्टील एक्सप्रेस को आंदोलनकारियों ने झाड़ग्राम के पास रोक दिया। शाम को इस ट्रेन को सारडीह से टाटानगर तक पैसेंजर ट्रेन बनाकर रवाना किया जाने लगा तो स्टील एक्सप्रेस में बैठे यात्रियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा की सूचना पर मौके पर पहुंचे रेल अधिकारियों को आक्रोश का सामना करना पड़ा। रेल यात्रियों का कहना है कि जब वे टाटानगर से हावड़ा के लिए स्टील एक्सप्रेस में बैठे हैं तो वे हावड़ा ही जाएंगे वापस टाटानगर नहीं जाएंगे। रेल अधिकारियों के समझाने के बाद यात्री माने फिर ट्रेन को साढ़े छह बजे शाम टाटानगर लाया गया।
पैसेंजर्स ने किया हंगामा
मुंबई हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस जैसे ही घाटशिला स्टेशन पहुंची आंदोलनकारियों ने उसे रोक दिया। यहां यह गाड़ी घंटों रुकी रही जिसके कारण ट्रेन के एक कोच के एसी ने काम करना बंद कर दिया। जबकि स्लीपर कोच का पानी खत्म होने के बाद बाद यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। रेल अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन चार्जिग प्वाइंट नहीं होने के कारण एसी शुरू नहीं किया जा सका।