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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: लौहनगरी में लोगों की सुविधा के लिए बने टॉयलेट बिना पानी गंदगी से भरे पड़े हैं। सरकार ने टॉयलेट बनवाने में करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। शहर मे तीनों नगर निकायों को मिलाकर 42 मॉर्डन बायोटॉयलेट, 90 नॉर्मल टॉयलेट और 72 यूरिनल बनाए गए हैं। इन टॉयलेटों की सफाई नहीं होने, पानी निकास की उचित व्यवस्था नहीं होने और टंकियों में पानी नहीं होने की वजह से लोगों का टॉयलेट के पास ठहरना भी मुश्किल हो रहा है। गंदगी के चलते आस-पास दुकान लगाने वाले लोग भी परेशान हैं।

सूखी पड़ी टंकियां

शहर में बनाए गए नॉर्मल और बायोटॉयलेट में पानी नहीं होने से गंदगी का अंबार लगा हुआ है। बता दें कि टॉयलेट बनाने के समय टॉयलेट को पाइप लाइन से जोड़ा गया था, लेकिन देखरेख और नियममित देखरेख के अभाव में इनमें पानी नहीं रहता है। इससे टॉयलेट में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इस वजह से मजबूर होकर लोगों को बाहर जाना पड़ता है। इन टॉयलेट में नियमित सफाई नहीं होने से दुर्गध के कारण इनका कोई इस्तेमाल नहीं करता है। शहर के शीतला मंदिर चौराहा, एमजीएम तिराहे और मानगो बस स्टॉप में बने टायलेट में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से गंदगी के कारण लोगों वहां पर खड़ा होना मुश्किल हो रहा है।

नलों की टोटियां टूटी

शहर में बनाये गए टॉयलेटों में लगाए नलों की टोटियां निकली गई हैं। इससे लोगों को पानी भी नहीं मिल पा रहा है। मानगो गोलचक्कर, साकची गोलचक्कर में बने तीनों टॉयलेट की टोंटियां नहीं होने से लोग मजबूर होकर बाहर जाने को मजबूर हैं। इन नलों की टोंटियां टूटी होने से टंकी में भरा पानी बेकार में ही बह जा रहा है।

खुले में टॉयलेट करने पर जुर्माना

शहर को ओडीएफ घोषित करने के कारण शहर में किसी तरह की गंदगी फैलाने पर पांच हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी) साकची बाजार में गंदगी फैलाने पर तीन लाख रुपए जुर्माना वसूल कर चुकी है। वहीं मानगो और जुगसलाई में भी खुले में शौच करने वाले लोगों से जुर्माना वसूला गया है।

जागरूकता में फूंके करोड़ों

शहर के लोगों को खुले में शौच न करने, कूड़ा कचरा इधर-उधर नहीं फेंकने और डस्टबिन का इस्तेमाल करने के लिए तीनों नगर निकायों ने करोड़ों रुपए खर्च किए। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी (एमएनएसी) ने एक साल में सफाई के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन सफाई का हाल जस का तस है।

कहां कितने बने टॉयलेट

अक्षेस घरों में नॉर्मल बायोटॉयलेट यूरिनल

जेएनएसी 640 46 25 35

एमएनएसी 5000 28 12 22

जुगसलाई 506 16 5 15

शहर में दुर्गापूजा को देखते हुए तीनों नगर निकाय के स्पेशल ऑफिसर को लेटर लिखकर क्षेत्र की सफाई सुनिचित कराने का आदेश दिया जाएगा। टॉयलेटों में पानी की व्यवस्था तथा नियमित सफाई भी सुनिश्चित कराई जाएगी।

-चंदन कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़, जमशेदपुर