JAMSHEDPUR: राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) पर मंगलवार को हुई सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों के मौत हो गई। मरने वालों में अर्जुन सिंह मुंडा (35), उसकी पत्नी खुशबू सिंह मुंडा (30) और उनका बड़ा बेटा छोटू सिंह मुंडा (08) शामिल हैं, जबकि इस दुर्घटना में उनका दो साल का छोटा बेटा अंशुमन सिंह उर्फ भोलू मुंडा बच गया और घायल है। टाटा मुख्य अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। दुर्घटना का शिकार हुआ यह परिवार उलीडीह आदिवासी बस्ती (आदिवासी जनकल्याण स्कूल के समीप) में रहता था और विजयादशमी (मंगलवार को) के दिन पूरा परिवार बाइक से ओडिशा (बारीपादा जिला) के खुशियना थाना क्षेत्र में स्थित अपने पैतृक गांव जा रहा था। इसी दौरान उनकी बाइक को सामने से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी।
जा रहे थे ओडिशा
सोमवार की रात को अर्जुन सिंह मुंडा व उनका पूरा परिवार जमशेदपुर में दुर्गा पूजा पंडाल घूमने निकला। देर रात तक पंडाल घूमने के बाद लौटे और सुबह (मंगलवार को)6 बजे बाइक से पैतृक आवास (ओडिशा) जाने के लिए निकले। इसी क्रम में एमजीएम थाना क्षेत्र के पिपला ग्राम के पास एनएच-33 पर घटाशिला की और से आ रहे ट्रक ने उन्हें चपेट में ले लिया। घटना के बाद लोगों ने सड़क जाम कर दी। पुलिस को शव उठाने नहीं दिया। मुआवजा की मांग और ट्रक चालक की गिरफ्तारी की मांग पर लोग अड़ गए। ट्रक चालक की गिरफ्तारी के बाद लोगों ने जाम हटा लिया। इसके बाद भाजपा नेता संतोष भगत समेत कई लोग बस्ती पहुंचे। परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई।
ओलीडीह बस्ती में छा गया मातम
ओलीडीह बस्ती में घटना के बाद पूजा कील खुशी मातम में तब्दील हो गई। सब ये सोचकर परेशान थे कि दुर्घटना में घायल अर्जुन सिंह मुंडा के छोटे बेटे का क्या होगा? सब लोग उस पल को कोसते नजर आए जब अर्जुन सिंह मु़डा का परिवार बारीपदा जाने के लिए निकला था। बताते चलें कि अर्जुन सिंह मुंडा पेशे से कारपेंटर था।
पूजा घूमने के दौरान परिवार ने खूब ली थी सेल्फी
पूजा के दौरान पति-पत्नी और बच्चे काफी खुश थे। सभी रातभर जमशेदपुर में दुर्गा पूजा मेला घूमा। जगह-जगह सेल्फी ली और मंगलवार सुबह खुशी-खुशी घर के लिए बढ़े। लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद ऐसा हुआ कि जिसने देखा उसकी चीख निकल गई। अर्जुन और परिवार के सदस्यों ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि उनके साथ आगे क्या होगा। गौरतलब हैं कि न्यू ओलीडीह की रहने वाली खुशबू के साथ अर्जुन सिंह मुंडा ने प्रेम विवाह किया था।
रो पड़ी बस्ती
बुधवार सुबह उलीडीह आदिवासी बस्ती से दोपहर को जब तीन अर्थियां एक साथ उठीं तो कोहराम मच गया। खुशबू और अर्जुन के परिजनों के साथ-साथ बस्ती के लोग चीख-चीख कर रो पड़े। माहौल गमगीन हो गया। बस्ती के लोगों को यह दर्दनाक हादसा ताउम्र सालता रहेगा। साकची सुवर्णरेखा घाट पर शवों का अंतिम संस्कार एक साथ कर दिया गया।
जान की कीमत 10 हजार
दुर्घटना में परिवार के तीन एक साथ मारे गए। सरकारी मुआवजा राशि प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से 10 हजार की राशि उपलब्ध कराई गई। लोग अंतिम संस्कार को तैयार नही हो रहे थे। बताया गया कि इतनी राशि का ही प्रावधान है। एमजीएम थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने परिजनों को आश्वस्त किया कि ट्रक मालिक आंध्र प्रदेश का है। आने वाला है। बीमा राशि पुलिस दिलाएगी। इसके पहले बस्ती के लोगों ने चंदा एकत्र किया।